भामाशाह पलोड़ की स्मृति में उपनगर पुर के थाने में न्याय की चौपाल का निर्माण

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न्याय चौपाल होने से लोग अपने दुख और समस्याओं को साझा कर सकते हैं: प्रदीप पलोड़

भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) न्याय चौपाल हमारी अति प्राचीन परंतु अति श्रेष्ठ परंपरा है। हर परिवेश में चैपाल एक विशिष्ट अर्थ रखता है। सबके लिए सुलभ जगह होने से लोग यहां बैठ सकते हैं, खुल कर बातें कर सकते हैं, खुशियों को प्रकट कर सकते हैं, अपने दुख और समस्याओं को साझा कर सकते हैं। यह बात कन्हैया लाल राजेंद्र कुमार पलोड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रदीप पलोड़ ने उपनगर पुर के थाने में न्याय की चौपाल का निर्माण के शुभारम्भ पर कही। इससे पुर्व उपनगर पुर के थाने में कन्हैया लाल राजेंद्र कुमार पलोड़ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा भामाशाह राजेंद्र पलोड़ की द्वितीय पुण्य तिथि पर न्याय की चौपाल का निर्माण किया गया। जिसका उद्घाटन थानाधिकारी जय सुल्तान सिंह कविया द्वारा किया गया। ट्रस्टी पलोड़ ने बताया कि है कि हमारी संस्कृति – हमारी विरासत को ध्यान में रखते हुए इस चौपाल का निर्माण किया गया है क्योंकी पूर्व में चौपाल पर बैठ कर आपसी समजाईश से बहुत सारे विवादों का निपटारा किया जाता था जिससे समाज में प्रेम एवं भाईचारा बना रहता था एवं विवाद खत्म हो जाते थे। अतः इसी तरह वर्तमान में भी समजाईश के माध्यम से विवादों के निपटारे हो सके इसी भावना के साथ इस चौपाल का निर्माण किया गया है। इस जगह पर लोग सौहार्दपूर्ण और सहज माहौल में आपसी असहमति और विवादों का समाधान निकाल सकते हैं। इस अवसर पर नरेश कुमार, प्रदीप, पंकज, आलोक, गौरव, गोपाल कृष्ण, पंकज, प्रियांश, मितांश, अयांश सहित पलोड़ परिवार के सदस्यों के साथ रमेश जागेटिया, अभिषेक जागेटिया, आदित्य मालु सहित उपनगर पुर के प्रेम विशनोई, रतन आचार्य, नरेंद्र सिंघवी, मुकेश सोनी, विनोद खाब्या, सूरज छिपा, पंकज पारिक, थाने के हेड कॉन्स्टेबल चंद्रवीर सिंह, यशवीर सहित कई अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


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