जिले का 25 हजार का ईनामी हिस्ट्रीशीटर सद्दाम बिहारी पुलिस गिरफ्त में

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जिले का 25 हजार का ईनामी हिस्ट्रीशीटर सद्दाम बिहारी पुलिस गिरफ्त में

सवाई माधोपुर 5 जुलाई।  जिले की पुलिस ने जिला मुख्यालय के कोतवाली थाने के 25 हजार के ईनामी हिस्ट्रीशीटर सद्दाम बिहारी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने 5 जुलाई बुधवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में मीडिया को बताया कि थाना कोतवाली पुलिस में अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त एवं पिस्टल से हत्या का प्रयास करने सहित तीन मामलों में फरार 25 हजार के कुख्यात ईनामी हिस्ट्रीशीटर सद्दाम उर्फ बिहारी पुत्र माहिर अली निवासी दोबड़ा हाल रेल्वे कॉलोनी सवाई माधोपुर को पुलिस की विशेष टीम ने इन्दौर से दबोचने में सफलता प्राप्त की है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सद्दाम बिहारी के खिलाफ 26 फरवरी को सलमान पुत्र सगीर निवासी रेल्वे कॉलोनी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि जामा मस्जिद के पास नमाज पढ कर पास की दूकान पर बातचीत करते समय सद्दाम ने अपने चार पांच साथियों के साथ आकर मारपीट कर कनपटी पर पिस्टल लगा कर जान से मारने की धमकी दी थी।
इसी प्रकार अकरम पुत्र अब्दुल लतीफ निवासी मलारना डूंगर ने 3 अगस्त 2022 को मामला दर्ज करवाया था कि बदमाश सद्दाम बिहारी अपने साथियों के साथ तीन गाड़ियों में सवार होकर आया तथा पिस्टल लगा कर जवाहर नगर प्लाट पर चल रहे काम को बन्द करवा दिया तथा काम चलाने की ऐवज में 5 लाख रूपये की मांग की। इस मामले में थाना मानटाउन पर दर्ज प्रकरण में पांच आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में सद्दाम बिहारी फरार चल रहा था।
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 6 अगस्त 2022 को थाना कोतवाली पुलिस ने नाकाबन्दी में कार में सवार छः बदमाशों को दो पिस्टल, एक अवैध देशी कट्टा, 11 कारतूस सहित पकड़ा था। इन बदमाशों को हथियार सद्दाम बिहारी ने बेचे थे। इस मामले में भी सद्दाम बिहारी फरार चल रहा था।
लगातार 16 दिन तक 65 टोल नाकों का रिकार्डिंग देख कर 9000 किलोमीटर पीछा कर किया गिरफ्तार – जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सद्दाम बिहारी एवं विजय मीणा के मध्य वर्चस्व को लेकर पूर्व में गैंगवार एवं फायरिंग की घटनाएं हुई थी। इसलिए अपराधी के फरारी के दौरान घटना करने के संभावना के मध्यनजर इसकी गिरफ्तारी के लिए उनके निर्देशन में विशेष एक्शन प्लान बना कर कार्य किया गया। जिसके तहत अपराधी की छिपने की ठिकानों, अपरधी को शरण देने वाले को चिन्हित किया गया। पुलिस द्वारा किये गये सार्थक प्रयासों एवं दबाव के कारण अपराधी दुबई, सउदी अरब भाग गया।
उन्होने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से एवं अन्य स्रोत से पता चला कि अपराधी विदेश गया हुआ है। पुलिस द्वारा निरन्तर प्रयासो से जैसे ही इसके विदेश से वापस आने का पता चला तो पुलिस ने सभी संभावित छिपने के स्थानों पर इसके बारे में जानकारी एकत्रित करना प्रारम्भ किया। जिसमें सद्दाम के मनाली हिमाचल प्रदेश मे होने की जानकारी मिलने पर टीम को हिमाचल प्रदेश भेजा गया। अपराधी को पुलिस टीम द्वारा पीछा करने आभास होने पर मनाली को छोड़कर दिल्ली, गुडगांव, कोच्ची, मुम्बई चला गया परन्तु पुलिस की टीम द्वारा लगातार इसका पीछा किया गया। पुलिस की टीमों द्वार करीब 65 टोल नाकों की सीसीटीवी देखकर अपराधी का पीछा किया गया। अपराधी के पितमपुरा, इन्दौर में होने जानकारी प्राप्त होने पर अपराधी की गाड़ी को इन्दौर एवं आस पास के क्षेत्र में तलाश किया गया, गाड़ी मिलने पर टीम द्वारा लगातार एक सप्ताह तक कमरा किराया लेकर निगरानी की गई। सद्दाम बिहारी जैसे ही गाड़ी में बैठने के लिए आया, पुलिस की टीम द्वारा घेरा देकर दबोचने में सफलता प्राप्त की। सद्दाम ने गाड़ी के उपर फर्जी नम्बर प्लेट लगा रखी थी। अपराधी जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सद्दाम वर्चुअल व्हाट्स एप नम्बर का उपयोग करता था। पुलिस की टीम द्वारा लगातार 16 दिन तक अपराधी का विदेश से आने के पश्चात पीछा किया गया।
उन्होने बताया कि सद्दाम बिहारी के खिलाफ हत्या का प्रयास, फायरिंग करना, आगजनी, अपहरण, गम्भीर मारपीट, अवैध फायर वेपन्स बेचना एवं खरीदने के विभिन्न थानों में करीब 18 मामले पंजीबद्ध है। सद्दाम पुलिस मुख्यालय का चिन्हित हार्डकोर अपराधी है। सद्दाम बिहारी अवैध हथियारों का बड़ा तस्कर है बाहर से हथियार खरीद कर लाकर सवाई माधोपुर के आस पास क्षेत्र में बेचता था। प्रारम्भिक पूछताछ में अपराधी ने करीब दो दर्जन व्यक्तियों को करीब 36 अवैध पिस्टल, देशी कट्टे बेचना स्वीकार किया है। जिन व्यक्तियों को हथियार बेचे हैं उन्हें चिन्हित किया जा चुका है। उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सद्दाम को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में अजीत मोगा सहायक उप निरीक्षक (सायबर सेल), लक्ष्मण सिंह हैड कानि, विजय सिंह कानि, बुद्धिप्रकाश कानि, केदार प्रसाद कानि तथा राजकुमार कानि सायबर सेल शामिल थे।


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