चाणक्य के एक संकल्प ने एक सामान्य बालक को अखंड भारत का शासक बना दिया- शर्मा
शिक्षक ही राष्ट्र का निर्माता होता है। शिक्षक जैसा चाहे वैसा शिष्य का निर्माण कर सकता है। चाणक्य के संकल्प ने एक सामान्य बालक को अखंड भारत का शासक बना दिया। गुरु और शिष्य की परंपरा हमारे अनादि काल से रही है। हमारे यहां गुरु को साक्षात भगवान का दर्जा दिया गया यह बात स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालय शाहपुरा में भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के तहत बोलते हुए पूर्व उपनिदेशक विष्णु दत्त शर्मा ने कही। भारत विकास परिषद के संरक्षक जयदेव जोशी ने कहा है कि गुरु वंदन कि हमारे यहां परंपरा रही है। भारत विकास परिषद इस परंपरा का निर्वाह प्रतिवर्ष करती है। विद्यालय में जाकर के श्रेष्ठ परिणाम देने वाले शिक्षकों और छात्रों का सम्मान करती है। स्थानीय संस्था के प्रधानाचार्य ईश्वर लाल मीणा ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया। परिषद के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल मुंदड़ा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा है कि यह भारत ही है जहां गुरुओं का सम्मान होता है। कार्यक्रम में व्याख्याता आसिफ पिनारा, वरिष्ठ अध्यापिका सुधा चैहान का परिषद की ओर से सम्मान किया गया। छात्र अभिनंदन के अंतर्गत नेहा तोलानी पुत्री नरेश तोलानी कक्षा 12 व अक्षिता कुमावत पुत्री राजेन्द्र कुमावत कक्षा 8 का अभिनंदन किया गया। संचालन अध्यापक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने किया। आभार प्रदर्शन व्याख्याता राजेश कुमार धाकड़ ने किया। शिक्षक दिवस के इस अवसर पर विद्यालय की संपूर्ण व्यवस्थाओं का संचालन कक्षा 12 के भैया बहनों ने किया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के सचिव दिलीप धूपिया, शंकर लाल जोशी, उमेश जागेटिया, लोकेश चैधरी उपस्थित रहे।