हमारी नई पीढ़ी को शास्त्र ज्ञान अवश्य देवे: अभयदास


प्रतापगढ़, अरुण जोशी।आज यहां दशहरा मैदान परिसर में तखतगढ धाम पाली मारवाड़ के संत अभय दास महाराज द्वारा तीसरे दिन कथा मेभागवत के प्रेरणादायी प्रसंग सुनाए। कहा भागवत कथा गोकर्ण महाराज से सुन कर धुंधुकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिली। कल युग के प्रभाव कल युग के निवास स्थान राजा परीक्षित को तक्षक नाग से दंश का श्राप आदि कथा प्रसंग सुनाये।कथा स्थल पर मुख्य यजमान महेश्वरी एवं लढ्ढा परिवार ने पौथी पूजा की l महाराज ने कहा- आप अपने बच्चों को शास्त्र का ज्ञान दो l मन्दिर दर्शन,संतों के दर्शन,सत्संग मे अवश्य लेकर जाए।इससे उनको सनातन संस्कारों और धर्म का ज्ञान होगा l महाराज ने कहा-“जब से हमारे देश में मुगल आए, तब से इस देश में घूंघट प्रथा शुरु हुई, मुगलों आतताइ‌यों से अपने मान प्रतिष्ठा बचाने के लिए घूंघट ओढना पड़ा। और रजवाडों को आपस में लड़ाने के लिए कई तरह से भेदभाव और फूट पैदा की। सनातन में इससे पूर्व कोई किसी तरह के भेद नहीं थे। महाराज ने आगे कहा- इस्लाम में तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की दशा बहुत ही दयनीय है। जबकि सनातन धर्म में नारी को नारायणी शक्ति-स्वरूपा पूजनीय सम्माननीय बताया।इसके बाद महाराज ने कहा…आज मैंने
भोजन की भिक्षा वाल्मिकी के समाज के परिवारजन के घर रंगा स्वामी कच्ची बस्ती में ली l यहां भोजन से पूर्व महाराज अभयदास ने माताजी मंदिर में पूजा की l इसके बाद कार्यक्रम में अभय दास महाराज आरती मे सनातन धर्म उत्सव समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश ओझा को महाराज अभयदास जी ने उपरणा पहनाकर स्वागत किया। कल महाराज अभयदास ने आदिवासी बन्धुओं के बीच कचोटिया मे रात्रि को सत्संग कर सनातन धर्म के विषय मे प्रसंग सुनाए l सामुहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। कार्यक्रम व्यवस्था में कैलाश महेश्वरी रजनीश विजय महेश्वरी शिव नारायण सोनी और वाल्मीकि समाज के बन्धुओं को सराहनीय सेवाओं के लिए, जगदीशपूरी कचोटिया.गिरजाशंकर शर्मा को उपरणा ओढ़ा कर स्मृति चिन्ह भेट कर स्वागत किया गया l ये जानकारी समिति के चन्द्र शेखर मेहता ने दी। भजन में महिलाओ ने नृत्य किए और आनंद लिया l


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