रामस्नेही संप्रदाय के फुलडोल महोत्सव का हुआ आगाज

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निकली शोभायात्रा, आचार्यश्री के हुए प्रवचन

शाहपुरा, पेसवानी। रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ रामनिवास धाम शाहपुरा में संप्रदाय के वार्षिक उत्सव फुलडोल महोत्सव का आज विधिवत तरीके से आगाज हो गया।
संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य श्री रामदयाल जी महाराज के सानिध्य में संप्रदाय के अनुरागियो ने संस्थापक आचार्य श्री रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी ग्रंथ की शोभायात्रा निकाली। जो राम मेडिया से सदर बाजार होते हुए रामनिवास धाम पहुंची। शोभायात्रा में लाये गये चढावा को बारादरी में पेश किया गया। यहां पर संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य श्री रामदयाल जी महाराज, संप्रदाय के वरिष्ठ संत उदयपुर के नरपत राम जी महाराज, ब्यावर के संत केवल राम जी महाराज, सोजत के विद्वान संत डॉ पंडित रामस्वरूप जी शास्त्री, कार्यवाहक भंडारी संत जग बल्लभ राम महाराज के प्रवचन हुए।
संतों और आचार्य श्री ने फूलडोल महोत्सव की विवेचना करते हुए कहा कि सनातन काल से चली आ रही इस संस्कृति को रामस्नेही संप्रदाय आज भी जिंदा रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि फूलों से बना फुल हर चेहरे पर खुशियों की चमक ला देता है आज निकली शोभायात्रा ने भी कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्य महोत्सव 25 मार्च से 30 मार्च तक आयोजित होगा। जिसमें देश भर से हजारों तादाद में रामस्नेही अनुरागी और संप्रदाय के संत पहुंचेंगे।

संतों ने सुरजपोल से प्रवेश कर आचार्यश्री को किया प्रणाम

रामस्नेही संप्रदाय की मुख्यपीठ रामनिवास धाम शाहपुरा में बुधवार से वार्षिकोत्सव फूलडोल महोत्सव का आगाज हो चुका है। 25 दिवसीय महोत्सव के पहले दिन अलसुबह संप्रदाय के संतों का मुख्यपीठ में मंगलप्रवेश हुआ। आज दिन में शोभायात्रा भी निकलेगी तथा मुख्य महोत्सव 25 से 30 मार्च तक पंचदिवसीय होगा।
संत निर्मलराम महाराज लूलांस ने बताया कि आज महोत्सव का आगाज संप्रदाय के संतों के मंगलप्रवेश से हुआ है। संप्रदाय के संत महोत्सव के लिए साल भर इंतजार करते है।आज एकादशी पर संत रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ रामनिवास धाम के सुरजपाल पर पहुंचे। यहां संतों ने आपस में रामा शामा कर जल से भरा कमंडल हाथ में लेकर प्रवेश किया तथा बारादरी में सप्रंदाय के पीठाधीश्वर आचार्यश्री रामदयालजी महाराज को प्रणाम किया।
पीठाधीश्वर जगतगुरू आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने सभी संतों आर्शिवाद देकर कुशलक्षेम पूछी तथा महोत्सव की शुभकामनाएं दी। वरिष्ठ रामस्नेही संत रामनारायण महाराज ने बताया कि महोत्सव 25 दिन का होता है। परंतु मुख्य समारोह अब 5 दिन का ही है। 25 से 30 मार्च तक मुख्य महोत्सव में प्रतिदिन कार्यक्रम, संत्सग, प्रवचन होगें जिसमें देश भर से हजारों श्रृद्वालु व रामस्नही अनुरागी पहुंचेगें।


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