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महाकुंभ के मुरीद हुए जापान स्पेन और नेपाल से आए विदेशी संत रास आ रही भारतीय संस्कृति

महाकुंभ के मुरीद हुए जापान स्पेन और नेपाल से आए विदेशी संत रास आ रही भारतीय संस्कृति

प्रयागराज।विजय शुक्ला। महाकुंभ के आयोजन के पहले महाकुंभनगर में देश के कोने कोने से आए साधुओं के अलावा विदेश से भी साधु संतों के आने का सिलसिला तेज होता जा रहा है अखाड़ों की धर्म ध्वजा नगर प्रवेश और कुंभ छावनी प्रवेश यात्रा की परंपरा में महाकुंभ पहुंचे इन विदेशी साधु संतों को भी महाकुंभ की नव्य व्यवस्था रास आ रही है विदेशी संतों को रास आ रहा है धरातल पर उतर रहा दिव्य भव्य महाकुंभ
प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन की तिथि जैसे जैसे निकट आ रही है महाकुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में साधु संतों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है देश विदेश से साधु-संतों मेले में पहुंचने लगे हैं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में शामिल होने आए विदेशी संतों को महाकुंभ रास आ रहा है जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरि उर्फ पायलट बाबा की जापानी शिष्या योग माता एवं महामंडलेश्वर केको कई जापानी साध्वी के साथ छावनी प्रवेश में शामिल हुईं उनका कहना है कि जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा से आगामी महाकुंभ के आयोजन का अंदाजा लगने लगा है एयर कनेक्टिविटी से लेकर ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था अच्छी है नेपाल से आईं महिला संत और जूना अखाड़े की महा मंडलेश्वर हेमानंद गिरि का कहना है कि संतों का सौभाग्य है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। योगी जी की तरफ से जिस तरह भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन का संकल्प लेकर आयोजना की तैयारियां चल रही हैं उससे सनातन धर्म का प्रचार प्रसार नेपाल सहित दुनिया के विभिन्न देशों में अब तेजी से हो रहा है।

स्वच्छ और डिजिटल महाकुंभ से विदेशी संत भी खुश प्रदेश की योगी सरकार की प्राथमिकता प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के साथ स्वच्छता और डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है विदेशी संत भी इससे खुश हैं स्पेन से अखाड़ों के विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेने आई जूना अखाड़े की अवधूत अंजना गिरि जिनका पहले नाम एंजिला था का कहना है कि पिछले 30 बरस से वह लगातार महाकुंभ अपने गुरु के साथ आती रही हैं लेकिन इस बार महाकुंभ की अनुभूति अलग है
स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इनफॉर्मेशन भी डिजिटल प्लेटफार्म पर मिल रही हैं जिससे बाहर के देशों से आने वाले श्रद्धालुओं और टूरिस्ट के लिए आसानी हो गई है फ्रांस से महाकुंभ में जूना अखाड़े के आयोजन में शामिल होने आए ब्रूनो गिरि कहना है कि महाकुंभ के आयोजन में वह पहले भी दो बार आए चुके हैं लेकिन इस बार शहर बदला बदला सा लगता है उत्सव की अनुभूति होती है।