मेजा,प्रयागराज। विजय शुक्ला। मेजा कोतवाली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गंगा व टॉस नदियों से अवैध बालू की निकासी की जाती है इसके अलावा गिट्टी, पत्थर का तोडना व अवैध परिवहन पर भी अभी तक लगाम नहीं लग सकी है। इलाके में जब भी उच्चाधिकारियों का आगमन होता है। तब स्थानीय पुलिस के द्वारा दो-चार ट्रैक्टरों को पकड़कर खानापूर्ति कर ली जाती है। इसके बाद पुलिसिया परमिट पर खनन माफिया पुराने ढर्रे पर चलने लगते हैं। इलाके में हो रहा अवैध खनन किसी चुनौती से कम नहीं है। सोशल मीडिया पर आए दिन अवैध खनन और परिवहन का वीडियो भी वायरल होता रहता है, जिससे खीरी पुलिस चर्चा में बनी रहती है। क्षेत्र में चर्चा है कि अवैध खनन के जरिए पुलिस लाखों रूपये का हर माह वारा-न्यारा करती है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है परानीपुर, पकरी सेवार, रैपुरा, मदरा, भटौती, कोहड़ार,मई पताई, खारा-बनका, आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन और परिवहन का कार्य सांझ ढलने के बाद अंधेरे में किया जा रहा है, जिससे आसपास के लोगों को भी मालूम न होने पाए। जबकि उच्चाधिकारियों का सख्त आदेश है कि अवैध खनन किसी भी कीमत पर न होने पाए। इससे इतर, स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से क्षेत्र में अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सूत्र बताते है कि जो लोग पुलिस के सिस्टम को फॉलो नहीं करते, उनका ट्रैक्टर, जेसीबी पकडकर सीज कर दिया जाता है, जिससे वे दबाव में आकर आगे से पुलिस के आगे घुटने टेक देते हैं। स्थानीय लोगों ने जिले के उच्चाधिकारियो का ध्यान आकृष्ट कराते हुए संलिप्त पुलिस कर्मियों की गोपनीय तरीके से जांच कराकर कार्यवाही की मांग की है।
Prayagraj, Uttar Pradesh