Advertisement

खूंखार आदमखोर हिंसक तेंदुए का खौफ क्षेत्र में बरकरार

खूंखार आदमखोर हिंसक तेंदुए का खौफ क्षेत्र में बरकरार

भय और दहशत का माहौल दिन-रात पहरेदारी कर रहे ग्रामीण

शुक्रवार को ड्रोन कैमरे में कैद हुआ था तेंदुआ

वन विभाग की लचर व्यवस्था से पिंजरे में नहीं कैद हो सका तेंदुआ

शुक्रवार को आधा दर्जन लोगों को तेंदुआ ने किया था घायल

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नेवरिया मजरा पूरे भट्टू में शुक्रवार की सुबह अचानक सरसों के खेत में छिपे तेंदुआ ने लोगों पर हमला कर पेट, गर्दन और सिर को बुरी तरह नोच डाला। शोर शराबा सुनकर आस पड़ोस खेतों में काम कर रहे लोग दौड़ पड़े।खूंखार तेंदुए ने हमला कर गंभीर रूप से आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया था बामुश्किल लोगों को बचाया गया। घायलों में बृजलाल पूरे भट्टू, बब्बू, भैरव, पिंटू निवासीगण खतिलवार थाना जनेह जनपद रीवा तेंदुए के हमले से घायल हो गए थे।घायल बृजलाल आदिवासी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ लाया गया जहां पर प्राथमिक उपचार किया गया। बता दें कि पूरे भट्टू गांव यूपी और एमपी के बॉर्डर पर बसा है जिससे एमपी के घायल लोगों का उपचार परिवार जनों द्वारा त्यौंथर मध्य प्रदेश में करवाया गया। तेंदुआ को लेकर लोगों में दहशत व्याप्त हो गई है। तेंदुआ होने की जानकारी से खेतों में काम कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई। दहशत के चलते लोग खेतों की तरफ जाने से कतराने लगे।नेवरिया ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरविंद सिंह पटेल द्वारा सक्रियता से सूचना दिए जाने पर यूपी-एमपी वन विभाग व शंकरगढ़ पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच पड़ताल में जुट गई। हाला कि चश्मदीद लोगों ने बताया कि हिंसक तेंदुआ इसी सरसों के खेत में छिपा हुआ है काफी खोजबीन करने के बाद भी जब पता नहीं चला तो ड्रोन कैमरा मंगाया गया। ड्रोन कैमरा और ढोल ताशा की आवाज से खूंखार तेंदुआ बौखला उठा और मौजूद सरसों की खेत में इधर-उधर झपट्टा मारने लगा और बन रेंज शंकरगढ़ रेंजर के ड्राइवर का गरदन दबोच कर जख्मी कर दिया था। मौके पर मौजूद प्रवीण सिंह व उप निरीक्षक ऋषभ पटेल शंकरगढ़ ने बहादुरी दिखाते हुए खूंखार तेंदुए पर टूट पड़े जिससे ड्राइवर की जान बच सकी। खूंखार तेंदुए के हमले से हजारों की जमा भीड़ में अफ़रा-तफ़री मच गई।रेंजर अजय टीकम रेस्क्यू के लिए टीम की गठन में लग गए थे और डीएफओ को सूचित किया। और बताया गया कि रेस्क्यू के लिए संसाधन के साथ टीम पहुंच रही है। मगर तीन दिन बीत जाने के बाद भी टीम नहीं पहुंच सकी। शुक्रवार को जब तेंदुआ ने आधे दर्जन लोगों को घायल किया तो उस समय सूचना पर वन विभाग की टीम पूरे जोश खरोश के साथ पहुंची लेकिन ना उनके पास कोई पुख्ता हथियार थे और ना ही कोई औजार जिससे तेंदुआ को को पकड़ा जा सके। तीन दिन का समय बीत गया लेकिन नतीजा सीफड़ रहा वन विभाग की तरफ से सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन देते हुए ग्रामीणों को गुमराह करते हुए गफलत में डालकर अपना कोटा पूरा करते रहे। वही ग्रामीणों में आक्रोश है कि वन विभाग ऐसे ही लापरवाही से गैर जिम्मेदाराना ढंग से काम करेगी तो कभी कोई और बड़ा जंगली जानवरों का झुंड क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना तो कैसे वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उस पर नियंत्रण कर पाएंगे यह एक अहम और बड़ा सवाल है जो कहीं ना कहीं वन विभाग की लचर व्यवस्था को दर्शाता है। लगातार 3 दिन से ग्रामीण दिन और रात आदमखोर तेंदुए के भय से पारी लगाकर गांव की पहरेदारी कर रहे हैं।