वेदों की और लोटो पाखंडवाद से दूर हटो वेदों की और लौटे वेदों में ही पूरा संसार समाया हैं
कुशलगढ़| पिपली चौराहे पर सोमवार की रात्रि को अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजनोपदेशक और गायक कलाकार पहुंचें। राजस्थान मध्यप्रदेश और गुजरात के संगम कुशलगढ़ में बही बही वेदों की बहार कहा वेदों की और लोटो पाखंडवाद से दूर हटो वेदों की और लौटे वेदों में ही पूरा संसार समाया हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती का सैकड़ों भजनों में किया। व्याख्यान कैलाश कर्मठ जब ये संसार तुझको तन्हा छोड़ दे तो प्रभु की चरण में चले आईए जीवन ख़त्म हुआ तो जीने का ढंग आया एक ईश्वर की करें उपासना रोज़ सुबह शाम महान समाज सुधारक आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वि जयंती के उपलक्ष में सनातन सांस्कृतिक महासम्मेलन में 251 कुंडी धर्म रक्षा महायज्ञ विराट पितृ यज्ञ पर आयोजित “दिव्या वैदिक सत्संगसी” दिनांक 23 दिसंबर से 27 दिसंबर तक पिपली चौराहे कुशलगढ़ में ख्याति प्राप्त भजनोपदेशक एवं गायक कलाकार कोलकाता से पंडित कैलाश कर्मठ, इंदौर से पंडित हरिओम महाराज, सहारनपुर (उत्तरप्रदेश )से पंडित विनोद दाधीच,बिजनौर (उत्तर प्रदेश )से पंडित धर्मेंद्र आर्य कुशलगढ़ से ढोलक वादक पंडित नारायण खड़िया यह कार्यक्रम लगातार चार दिन तक कुशलगढ़ पिपली चौराहे पर भजन संध्या होगी और दिन में कुशलगढ़ के तमाम छोटे बड़े कस्बों के अंदर भजनों का कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। भजन संध्या में कुशलगढ़ नगर के लोग रात तक भजन सुनते रहे। कार्यक्रम में सनातन संस्कृत महासम्मेलन के कार्यक्रम प्रभारी आचार्य दयासागर शास्त्री राजस्थान आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रदेश महामंत्री जीववर्धन शास्त्री कुशलगढ़ आश्रम प्रधान धर्मेंद्र आर्य कुशलगढ़ आश्रम व्यवस्थापक दिलीप शास्त्री बांसवाड़ा आश्रम व्यवस्थापक लव कुमार शास्त्री डॉक्टर जोहान सिंह देवदा धीरज डामोर लोकेश एड, भवचंद कटरा, समाज सेवी मुकेश अग्रवाल धर्मेंद्र कंसारा कैलाश राव रजनीकांत खाब्या हंसमुखलाल सेठ तिलक मंडल के समस्त सदस्य, आश्रम के विद्यार्थी, माताएं बहने और वरिष्ठ बुजुर्ग आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य दयासागर ने किया।अंत में आभार व्यक्त धर्मेंद्र कंसारा ने किया। यह जानकारी कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी केसर सिंह डामोर ने दी।