मृतक मोहन सिंह के परिजनों को दी छह लाख की नगदी

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मृतक मोहन सिंह के परिजनों को दी छह लाख की नगदी

– कैबिनेट मंत्री जाटव ने बंधाया ढाढस

भरतपुर-हलैना पीडब्ल्यूडी कैबिनेट मंत्री भजनलाल जाटव ने माली, कुशवाहा समाज आरक्षण आन्दोलन के समय मरे मोहनसिंह सैनी के मुड़िया गंधार पहुंच करके मृतक के परिजन व रिश्तेदारों को ढांढस बंधाया और शोक जताया कर दुःख प्रकट किया। कैबिनेट मंत्री जाटव ने मृतक मोहन सिंह सैनी के परिजनों को पांच लाख रू तथा पंचायत समिति वैर की प्रधान एव उनकी पुत्रवधू साक्षी दीपक कुमार ने एक लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जाटव ने कहा कि हम राजनीति करने नहीं मृतक के दु:ख में शामिल होने के लिए आए और माली आरक्षण के दौरान 25 अप्रैल को प्राण त्यागने वाले मोहन सिंह सैनी के परिजनों की हर वक्त मदद करते रहेंगे और करेंगे। उन्होंने मृतक मोहनसिंह के पुत्र नीरज कुमार सैनी और पत्नी अमरा देवी सैनी को ढाढस बनाते हुए दुःख प्रकट करते हुए स्वयं की तरफ से नगद 5 लाख रूपए तथा पंचायत समिति वैर की प्रधान पुत्र वधू साक्षी दीपक कुमार की तरफ से एक लाख रु. की आर्थिक मदद प्रदान की।उन्होंने कहा कि मैं 36 कौम के साथ मिलकर रहने वाला हूं और साथ ही सभी का सम्मान करने वाला हूं। उन्होंने कहा कि मृतक मोहन सिंह सैनी एव माली आरक्षण की मांग को लेकर राज्य सरकार व आरक्षण संघर्ष समिति के मध्य कई बार वार्ता हुई और ये वार्ता मुख्यमंत्री गहलोत ने की। मैं भी आपके साथ हूं और हमेशा मैं साथ रहूंगा। इस अवसर पर सैनी समाज की वरिष्ठ नेता होती सैनी, नगर पालिका वैर के पूर्व अध्यक्ष बने सिंह सैनी, पार्षद मुकेश सैनी, गोविंदपुरा के पूर्व सरपंच रामसुख सैनी, ललिता मुड़िया पूर्व सरपंच ललतेश मीणा, ललिता मुड़िया के सरपंच प्रतिनिधि लोकेंद्र फौजदार
, वैर के पार्षद लालाराम सैनी,पूर्व सरपंच नारायण सिंह सैनी, प. स. सदस्य निधि दिलीपसिंह सैनी,शेर सिंह सैनी, पार्षद मान सिंह आदि मौजूद रहे। कैबिनेट मंत्री जाटव के साथ वैर के उपखंड अधिकारी ललित कुमार मीणा, सार्वजनिक निर्माण विभाग वैर के अधिशासी अभियंता बृजमोहन जाटव, युवा कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा भी मौजूद थे।
– मंत्री की आंख से झलक आंसू
कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव मृतक मोहन सिंह की पत्नी अमरा देवी और उनके पुत्र नीरज सैनी से वार्ता कर रहे थे । तो उनकी दर्द भरी कहानी को सुन कर स्वयं की आंखों से आंसू नहीं रोक पाए।

P. D. Sharma


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