3 करोड़ 25 लाख से अधिक के अवार्ड पारित किए
गंगापुर सिटी। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के निर्देशानुसार तालुका विधिक सेवा समिति गंगापुर सिटी के तत्वाधान में आज दिनांक 9. 3.2024 को वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया| तालुका सचिव ने बताया कि लोक अदालत में आपसी सहमति से प्रकरणों के निस्तारण के लिए तालुका गंगापुर सिटी में कुल 02 बेंचों का गठन किया गया राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रथम बेंच की अध्यक्षता श्रीमती रेशमा खान , अपर जिला एवं सेशन न्यायधीश संख्या 2, गंगापुरसिटी द्वारा की गई। श्रीमती खान ने बताया कि लोक अदालत विवादों को निपटाने का वैकल्पिक साधन है जहां विवादों का आपसी सहमति से निपटारा किया जाता है यह कम समय में विवादों को निपटाने के लिए आसान और अनौपचारिक प्रक्रिया है। लोक अदालत के अवसर पर अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या संख्या 2 सुश्री आकांक्षा मीणा, उप जिला कलेक्टर गंगापुर सिटी श्री अनूप सिंह , पैनल अधिवक्ता श्री हेमेंद्र कुमार शर्मा ने लोक अदालत में समझाइश कर प्रकरणों का निस्तारण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पक्षकार, अधिवक्ता गण, बैंकों के अधिकारी गण व राजस्व न्यायालय के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे । लोक अदालत में सभी बैंचो द्वारा कुल 20914 प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिसमे 3 करोड़ 25 लाख रुपए से अधिक के अवार्ड पारित किए गए। पूरे दिन चली लोक अदालत के दौरान बेंच संख्या 1 के द्वारा अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1 के 96 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया इसी बेंच के द्वारा अपर जिला में सेशन न्यायाधीश संख्या 2 के 30 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट गंगापुर सिटी के लंबित 158 प्रकरणों का निस्तारण किया गया और प्रिलिटिगेशन स्तर के मामलों में 120 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। बेंच संख्या 2 के द्वारा अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट गंगापुरसिटी के 50 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया इसके साथ ही अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायाधीश की संख्या 1, गंगापुरसिटी के 30 प्रकरणों तथा अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 के 42 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया। ग्राम न्यायालय के 14 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा राजस्व के 20374 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा 3 करोड़ 25 लाख से अधिक राशि के अवार्ड पारित किए गए।