संस्कार जीवन की अनमोल संपत्ति, सत्कर्मों से जीवन महकता है- पूरण चन्द्राकार
शाहपुरा पेसवानी, अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शाहपुरा में गायत्री परिवार की ओर से 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण अभियान गायत्री महायज्ञ व संस्कार महोत्सव का शनिवार को समारोह पूर्वक शुभारंभ हुआ। आज पहले दिन महोत्सव की कलशयात्रा भव्यता के साथ निकली। शाहपुरा के बाजार में पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया। गायत्री परिवार की ओर से भव्य कलश यात्रा में विभिन्न झांकियां शामिल रहीं। कलश यात्रा के साथ ही 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत हो गई। शुभारंभ मौके पर शांतिकुंज हरिद्वार से आईं टोली के प्रमुख पूरण चंद्राकाऱ ने कहा कि संस्कार जीवन की अनमोल संपत्ति हैं। सत्कर्मों से जीवन महकता है। सूर्य की तरह चमकता है।यह अभियान में नैतिक एवं सांस्कृतिक उत्थान सहित धरती पर स्वर्गिक वातावरण और इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जाग्रत करना भी लक्ष्य है। आदर्शों के समुच्चय को ही भगवान का रूप दिया गया है। इसके अंतर्गत नशा निवारण, दहेज प्रथा उन्मूलन, पौधरोपण, शिक्षा, संस्कार, नारी जागरण, स्वावलंबन, एकता और व्यक्तिगत पहचान के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं।
गायत्री परिवार भीलवाड़ा जिला समन्वयक सरोजना शर्मा ने कहा है कि इंसान अपने जीवन में कोई भी शुभ कार्य संस्कार महोत्सव के बाद ही शुरू करते हैं। इसके अंतर्गत जब बच्चों पढ़ने लिखने की उम्र शुरू होती है। उस समय मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर बच्चों को पेंसिल पकवाकर लिखाए जाने की परंपरा आज भी कायम है। ऐसे ही महोत्सव उपनयन, जनेऊ, विवाह और जीवन के अंत में मरणोपरांत भी किए जाने का रिवाज है।
शनिवार को सुबह 24 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव की शुरूआत श्रीराम मन्दिर के महंत सीताराम बाबा के निर्देशन में ऐतिहासिक महलों का चैक से भव्य कलश यात्रा के साथ हुई। कलश यात्रा महलों का चैक से प्रांरभ होकर, बालाजी की छतरी, सदर बाजार, त्रिमुर्ति स्मारक, बस स्टेंड, रामनिवास धाम, भीलवाड़ा रोड़ होकर गल्र्स स्कूल के पास होते हुए हाथकरघा समिति परिसर पर आकर संपन्न हुई। यहां शांतिकुंज हरिद्वार से आई विशेष टोली ने संगीत के साथ विधान से देव मंच पूजन कराया। परिसर में गायत्री परिवार के साहित्य एवं युग निर्माण प्रदर्शनी भी लगायी गयी।
भव्य कलश यात्रा में 1100 से ज्यादा पीत वस्त्रधारी महिलाओं ने कलश अपने सिर पर धारण किए थे। छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक, शिक्षाप्रद झांकियां निकाली गई। जिसमें भारत माता की झांकी ने सभी का मन मोह लिया। आत्मीय पारिजनों, शक्तियों और देवकन्याओं ने गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की लोक कल्याणनार्थ विशेष आहुतियां एक भगवान को समर्पित कीं। दीक्षा संस्कार, पुंसवन संस्कार के अलावा अन्य संस्कार भी संपन्न हुए।
गायत्री परिवार ट्रस्ट शाहपुरा के अध्यक्ष दुर्गालाल जोशी की अगुवाई में शाहपुरा जिला व आस पास के जिलों से पहुंची टीमों की अगुवाई में कार्यकर्ता कलशयात्रा में शामिल हुए। शाहपुरा के अलावा भीलवाड़ा, मांडलगढ़, झालावाड़, बुंदी, अजमेर, जहाजपुर, बिजौलियां, बदनोर, कोटा सहित आस पास के गावों से गायत्री परिवार के कार्यकर्ता मोजूद रहे।
यज्ञशाला के भव्य प्रांगण में विराट दीपयज्ञ का आयोजन देर सांयकाल हुआ। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए। ओम और स्वास्तिक के रूप में सजे दीपकों की झिलमिलाती रोशनी आकर्षण का केंद्र रही। शांतिकुंज से टोली में आये प्रमुख पूूरण चंद्राकार, सहायक प्रमुख देवेश शर्मा, संगीतकार सुनील बंशीधर, वाद्य कलाकार श्रवणकुमार, ओम शंकर का देवकन्याओं ने स्वागत किया। शांतिकुंज टोली के नेतृत्व में दीक्षा संस्कार, विद्यारंभ, पुंसवन संस्कार, उपनयन संस्कार आदि संपन्न होगें। आचार्य वरण का पूजन व आरती की। शक्तिकलश का पूजन किया गया। दीप पूजन , गुरु पूजन, मां गायत्री का पूजन, सर्वतोभद्र का पूजन किया गया।
साहित्य प्रदर्शनी का लिया लाभ
अखिल भारतीय गायत्री परिवार के तत्वावधान में विचार क्रांति साहित्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में राम शर्मा द्वारा लिखी गई 3200 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। साथ ही स्टूडेंट्स को इन पुस्तकों का महत्व बताया गया। कलश यात्रा के बाद स्टूडेंट्स ने इन पुस्तकों का अवलोकन किया और अपनी मनचाही पुस्तकें खरीदी। गायत्री परिवार जहाजपुर के बाबुलाल मीणा ने बताया कि यहां जनमानस को अच्छी राह दिखाने के लिए पंडित श्रीराम शर्मा द्वारा रचित साहित्य उपलब्ध करवाया गया है। मानव उत्थान के लिए बौद्धिक कायाकल्प जरूरी है। उसके लिए कदम-कदम पर रचनात्मक काम करना होगा। मानसिक स्वास्थ्य तथा आध्यात्मिक उत्थान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा अच्छा साहित्य उपलब्ध करवाने का अभियान चलाया गया। इसी के तहत यह साहित्य प्रदर्शनी लगाई गई है।
आज से होगा महायज्ञ
आयोजन स्थल पर रविवार 10 दिसंबर को प्रातः 6 बजे जप ज्ञान, प्रज्ञा योग व्यायाम, देवपूजन व गायत्री यज्ञ, अपरान्ह 3 बजे कार्यकर्ता गोष्ठी, सांयकाल संगीत प्रवचन होगा। 11 दिसंबर सोमवार को प्रातः 6 बजे प्रज्ञा योग व्यायाम, गायत्री महायज्ञ, अखंड ज्योति, पाठक सम्मेलन, संगीत प्रवचन का कार्यक्रम होगा। 12 दिसंबर मंगलवार को महोत्सव का समापन होगा। चार दिनी कार्यक्रम में युग संगीत, प्रवचन, सामूहिक जप ध्यान, प्रज्ञा योग व्यायाम, देव पूजन, गायत्री महायज्ञ एवं पुंसवन संस्कार, नामकरण संस्कार, अन्नप्रासन्न संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, जन्मदिवस संस्कार, विवाह दिवस संस्कार तथा युग संगीत एवं प्रवचन, गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार होगें। समापन के समय युग संगीत, प्रवचन, दीप महायज्ञ, पूर्णाहुति एवं शांतिकुंज हरिद्वार टोली की विदाई होगी।