राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता BJP में शामिल, गहलोत के करीबी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने छोड़ी पार्टी

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लोकसभा चुनाव 2024: कटारिया, मिर्धा, बेनीवाल सहित ये 30 दिग्गज नेता हुए भाजपा में शामिल, पढ़ें सभी नेताओं की पूरी प्रोफाइल

जयपुर। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा तूफान आया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी बड़ी संख्यां में एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े कई दिग्गज नेता दूसरी राष्ट्रीय पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं सहित राजनीति से जुड़े 32 नेता रविवार 10 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए हैं। इनमें कुछ नेता तो कांग्रेस में रहते हुए कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं तो कुछ कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। इन नेताओं में पूर्व विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। इसी के साथ एक नेता पूर्व राज्यपाल के बेटे हैं और एक नेता हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के बैनर तले चुनाव लड़कर दूसरे नंबर रह चुके हैं। कई नाम ऐसे हैं जो विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जुड़े हैं और चर्चित चेहरे हैं।

राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता BJP में शामिल, गहलोत के करीबी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने छोड़ी पार्टी

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राजस्थान इकाई को करारा झटका देते हुए राज्य की पूर्व सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र यादव और लाल चंद कटारिया सहित कई नेता भाजपा में शामिल हो गये।
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। आज राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता बीजेपी में शामिल हो गए। लालचंद कटारिया के साथ गहलोत के करीबी राजेंद्र यादव, पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, रिछपाल मिर्धा और विजयपाल मिर्धा बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जयपुर में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। बता दें कि भाजपा का दामन थामने वाले लाल चंद कटारिया और राजेंद्र यादव अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे। कटारिया, पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे थे।

राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता BJP में शामिल, गहलोत के करीबी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने छोड़ी पार्टी

ये बड़े चेहरे भी हुए बीजेपी में शामिल-

कांग्रेस के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व निर्दलीय विधायक और गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल, कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश चौधरी, पार्टी नेता रामपाल शर्मा, रिजु झुनझुनवाला और अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए।

कटारिया बोले- अंतरात्मा से आई आवाज

भाजपा में शामिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए लाल चंद कटारिया ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों, गरीबों और आम आदमी के दुख-दर्द को समझती है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही थे, जिन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मुद्दे को सुलझाने का काम किया।

“एससी को अपना गुलाम मानते थे गहलोत”

पूर्व कांग्रेस सरकार में अनुसूचित जाति (एससी) आयोग के अध्यक्ष रहे खिलाड़ी लाल बैरवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उनसे (गहलोत) एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का अनुरोध करते रहे लेकिन उन्होंने हमेशा उनकी मांग को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, “तत्कालीन मुख्यमंत्री एससी समुदाय के लोगों को अपना गुलाम मानते थे।” बैरवा ने कहा कि भाजपा, एससी समुदाय को प्रोत्साहित करती है।

राजेंद्र यादव के परिसरों पर पड़े थे ED के छापे

पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटें जीतेगी। बता दें कि कुछ वक्त पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने दोपहर के भोजन (मिड डे मील) में कथित धोखाधड़ी मामले में राजेंद्र यादव से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। उस समय यादव, अशोक गहलोत सरकार में मंत्री थे।

“कांग्रेस ने हमें क्या दिया?”

वहीं रिछपाल मिर्धा, पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा हैं। ज्योति मिर्धा 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं और भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए नागौर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। मिर्धा परिवार जाट बहुल नागौर और आसपास के इलाकों में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है। रिछपाल मिर्धा ने भाजपा में शामिल होने पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाट समुदाय को आरक्षण दिया था जबकि मोदी सरकार ने किसान के बेटे जगदीप धनखड़ को भारत का उपराष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं देश में जाट समुदाय से तीन राज्यपाल भी हैं। उन्होंने सवाल किया कि “कांग्रेस ने हमें क्या दिया?”

11 सालों बाद फिर भाजपा में आए भींडर

भाजपा से अलग होकर ‘जनता सेना’ नाम की पार्टी बनाने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। भींडर ने कहा कि वे कुछ कारणों से भाजपा से अलग हुए थे लेकिन 11 सालों के संघर्ष के दौरान उन्होंने कभी कांग्रेस का हाथ नहीं थामा और अब वह अपने परिवार में लौट आये हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस ने किसानों के नाम पर वोट मांगे लेकिन उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कांग्रेस पर केंद्र में अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले करने का भी आरोप लगाया और कहा कि मोदी शासन के दौरान भारत ने प्रगति की है।

राजस्थान कांग्रेस के 30 नेता BJP में शामिल, गहलोत के करीबी समेत कई पूर्व मंत्रियों ने छोड़ी पार्टी

आइये जानते हैं उन नेताओं के बारे में जो अब बीजेपी के हो गए

1. लालचंद कटारिया – कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। ये पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। एक बार आमेर से और दो बार झोटवाड़ा से विधायक रहे हैं। अशोक गहलोत के नजदीकी नेता माने जाने वाले कटारिया दो बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
2. राजेंद्र यादव – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में मंत्री रहे हैं। जयपुर ग्रामीण की कोटपूतली विधानसभा से विधायक रहे हैं। कोटपूतली बहरोड़ अब नया जिला बन चुका है।
3. रिछपाल मिर्धा – नागौर का मिर्धा परिवार दशकों से कांग्रेस से जुड़ा रहा। उसी परिवार के रिछपाल मिर्धा डेगाना विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं।
4. विजयपाल मिर्धा – विजयपाल मिर्धा डेगाना से पूर्व विधायक रहे हैं। वे पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा के बेटे हैं। कांग्रेस ने पिछली बार जब रिछपाल मिर्धा का टिकट काटा था तो रिछपाल के स्थान पर विजयपाल को टिकट दिया था। इस बार विजयपाल मिर्धा विधानसभा चुनाव हार गए।
5. आलोक बेनीवाल – आलोक बेनीवाल पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल के पुत्र हैं। कमला बेनीवाल ने अपनी पूरी राजनीति कांग्रेस में रहकर की लेकिन अब उनके पुत्र आलोक बेनीवाल भाजपा में शामिल हो गए हैं। बेनीवाल शाहपुरा से विधायक रह चुके हैं।
6. खिलाड़ी लाल बैरवा – धौलपुर जिले की बसेड़ी विधानसभा सीट से खिलाड़ी लाल बैरवा विधायक रह चुके हैं। वे पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया था जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा।
7. रामपाल शर्मा – भीलवाड़ा के रामपाल शर्मा पूर्व लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वे यूआईटी के चेयरमैन भी रहे हैं। भीलवाड़ा की राजनीति में उनका अच्छा प्रभाव माना जाता है।
8. रामनारायण किसान – कांग्रेस के नेता रहे रामनारायण किसान जयपुर जिले की फुलेरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। लंबे समय से कांग्रेस में हाशिये पर हैं। ऐसे में इनका भी कांग्रेस से मोहभंग हो गया।
9. अनिल व्यास – अनिल व्यास भी लम्बे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। कांग्रेस राज में वे राजस्थान क्रीड़ा परिषद के उपाध्यक्ष रहे हैं। व्यास राजस्थान तैराकी संघ के भी अध्यक्ष रहे हैं।
10. ओंकार सिंह चौधरी – ओंकार सिंह चौधरी सेवानिवृत्त आईएएस हैं। वे पिछले कई महीनों से समाज सेवा में व्यस्त रहकर राजनैतिक जमीन तलाश रहे हैं।
1. गोपाल राम कुकणा – गोपाल राम कुकणा बीकानेर के रहने वाले हैं। वे भारत कृषक समाज के जिला अध्यक्ष रहे हैं। राजनीति में कई सालों से सक्रिय हैं।
12. डॉ. अशोक जांगिड़ – डॉ. अशोक जांगिड़ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (ओबीसी विभाग) के प्रदेश महासचिव रहे हैं। सामाजिक संगठनों में भी बड़े पदों पर रहे हैं। वे अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा दिल्ली के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
13. प्रिया सिंह मेघवाल – प्रिया सिंह को आप सब जानते होंगे। ये वही प्रिया सिंह है जो महिला बॉडी बिल्डर हैं और पिछले साल उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल भी जीता था। प्रिया सिंह तीन बार मिस राजस्थान रह चुकी हैं। वे समाज कल्याण विभाग की ब्रांड एम्बेसडर भी रही हैं।
14. सुरेश चौधरी – कांग्रेस में सुरेश चौधरी एक जाना माना नाम है। हालांकि सुरेश चौधरी ने कभी चुनाव नहीं लड़ा लेकिन वे संगठन के सबसे सक्रिय नेताओं में से एक रहे हैं। कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
15. राजेंद्र परसवाल – राजेंद्र परसवाल कांग्रेस में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रहे हैं।
16. शैतान सिंह मेहरड़ा – शैतान सिंह मेहरड़ा जयपुर जिले की जोबनेर पंचायत समिति के प्रधान रहे हैं। वे भी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे।
17. जगन्नाथ बुरड़क – जगन्नाथ बुरड़क नागौर जिले लाडनूं के रहने वाले हैं। वे पूर्व प्रधान भी रहे हैं। जगन्नाथ के पिता हरजीराम बुरड़क कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री भी रहे हैं।
18. रामनारायण झाझड़ा – जयपुर जिले की झोटवाड़ा पंचायत समिति के प्रधान हैं और स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे हैं।
19. कर्मवीर चौधरी – कर्मवीर चौधरी ऑल राजस्थान जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं।
20. कुलदीप ढेवा – कुलदीप ढेवा भी राजस्थान जाट महासभा में सक्रिय रहे हैं। वे ऑल राजस्थान युवा जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष हैं।
21. बच्चू सिंह चौधरी – बच्चू सिंह चौधरी भरतपुर जिले के रहने वाले हैं। सामाजिक कार्यों में लंबे समय से सक्रिय हैं।
22. रामलाल मीणा – रामलाल मीणा पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वे राष्ट्रीय मीणा महासभा के उपाध्यक्ष भी हैं।
23. महेश शर्मा – महेश शर्मा कांग्रेस से सक्रिय नेताओं में से एक हैं। आमेर विधानसभा क्षेत्र के गांव दौलतपुरा के रहने वाले हैं। वे राजस्थान कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव भी रहे हैं।
24. रणजीत सिंह – रावणा राजपूत समाज के रणजीत सिंह टोंक जिले की मालपुरा पंचायत समिति के पूर्व प्रधान रहे हैं।
25. मधुसूदन शर्मा – मधुसूदन शर्मा राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं

इसी के साथ सुनीता चोधरी, मदन लाल अटवाल, प्यारे लाल शर्मा, महेश शर्मा, राम खिलाडी शर्मा, रुघाराम माहिया, भींयाराम पड़ीवाल भी शामिल हैं।

 

 


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