भीलवाड़ा|नवरात्र महोत्सव – संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत द्वारा पहली बार हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में महामंडलेश्वर हंसराम जी उदासीन के सानिध्य में विशाल नवरात्र महोत्सव मनाया जा रहा है। इस महोत्सव में 25 पंडित रात-दिन अखंड दीपकों की देखरेख करेंगे। सभी भक्तजन नवरात्र में सुख-समृद्धि के लिए अपने नाम का अखंड दीपक जला सकते हैं।
चैत्र माह में आने वाले नवरात्र व नवसंवत्सर पर संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज पहली बार हरिशेवा धाम के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज के सानिध्य में अनूठा आयोजन करने जा रहे हैं। इसके तहत आश्रम के प्रांगण में वाटरप्रूफ पंडाल में करीब 120 फीट की गुफा में मां वैष्णोदेवी का दरबार सजाया जाएगा। सर्व समाज के भक्तों की तरफ से पूरे नवरात्र में 5100 अखंड दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। इसके लिए करीब 800 टीन मूंगफली के तेल की खपत हाेगी। 25 पंडित इन दीपक की रात-दिन देखरेख करेंगे। दीपक रुई के बजाय लच्छे की बाती रखकर प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। भीलवाड़ा वासियों की समृद्धि के लिए 21 पंडित सम्पूर्ण नवरात्रि में नव दुर्गा का पाठ करेंगे। संकटमाेचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज के अनुसार सर्व सनातन समाज की समृद्धि के लिए किए जा रहे इस आयोजन के तहत लगातार नौ दिन तक 5100 अखंड दीपक जलाए जाएंगे। नवरात्र के पहले दिन सुबह हरिशेवा धाम स्थित पंडाल में विराजी मां वैष्णाेदेवी के समक्ष संत-महात्माओं व गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में पंडितों के मंत्रोचारण के बीच दोपहर 12.15 बजे घट स्थापना के साथ ही अलग-अलग भक्तों के नाम के 5100 दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। दिल्ली व आगरा के कलाकार गुफा व मां वैष्णोदेवी का दरबार सजाएंगे। मातारानी के भक्त वैष्णाेदेवी के दरबार व अखंड प्रज्जवलित दियों के दिनभर दर्शन कर सकेंगे।
पूर्णाहुति पर 1100 कन्याओं का पूजनकर हवन में 21 जोड़े आहुति देंगे।
नवरात्र के आखिरी दिन पूर्णाहुति पर मां वैष्णोदेवी के दरबार में 1100 कन्याओं का महामंडलेश्वर हंसराम महाराज व महंत बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद भाेजन कराकर चुनरी ओढ़ा फल व दक्षिणा दी जाएगी। पूर्णाहुति से पहले एक कुंडीय हवन हाेगा। पंडिताें के मंत्राेच्चारण के साथ 21 जोड़ों द्वारा आहुति दी जाएगी।
अपने नाम का दीया जलाने के लिए भक्त कर रहे महंत से संपर्क
शहर में पहली बार मां वैष्णाेदेवी का दरबार सजाकर 5100 दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। नवरात्र में मातारानी के दरबार में अपने नाम दीपक जलाने के लिए श्रद्धालु अभी से महंत बाबूगिरी महाराज से संपर्क करने लगे हैं। एक जैसे मिट्टी के 5100 दीपक बनवाने के लिए भी कुम्भकारों से संपर्क किया जा रहा है। रुई के बजाय लच्छे की बाती काम लिए जाने का कारण, यह रुई के बजाय जल्द बन जाती है।