माहेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 52वां अव्यक्त दिवस मनाया

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माहेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 52वां अव्यक्त दिवस मनाया

बयाना, 22 जून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय उपसेवा केन्द्र बयाना की ओर से गुरुवार को माहेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 52वां अव्यक्त दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पार्षद मणि अग्रवाल रहे। विशिष्ट अतिथि एचपीसी रामप्रसाद व भगवान सिंह रहे। अतिथियों ने मातेश्वरी जगदम्बा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरूआत ब्र.कु. ज्योति बहन ने मातेश्वरी जगदम्बा के स्मरण गीत से की। अध्यक्षता सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी कमलेश दीदी ने की। उन्होंने कहा कि मातेश्वरी जगदम्बा के व्यक्तित्व में सरलता, मधुरता और निर्भयता का समावेश था। वे कहती थीं कि अगर परमात्मा साथ हो तो फिर किसी भी बात से जीवन में डरना नहीं चाहिए। डरता वह है जो पापकर्म करता है। हम तो श्रेष्ठ कर्म, सत्कर्म करने वाले हैं। ईश्वर के बताए रास्ते पर चलने वाले हैं। ब्र.कु. साक्षी बहन ने कहा कि मातेश्वरी जगदंबा अन्तर्मुखी स्वभाव की थी। वह गुप्त तपस्विनी थी, देखने में तो साधारण लगती थी। लेकिन गुणों की खान थी। अतिथि वक्ताओं ने कहा कि मातेश्वरी देवी स्वरूपा थी। मातेश्वरी कुमारी होते हुए भी पुरुषार्थ करके मातेश्वरी यज्ञमाता बनी। इस अवसर पर विजय बहन, पुष्पा बहन, ममता बहन, आशा, मंजू, चिन्तामणि, कैला, माया, राघव, शिवकुमार, चन्द्रकान्त आदि मौजूद रहे।

P. D. Sharma 


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