आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का 57वां दीक्षा दीवस मनाया

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आचार्य श्री का वागड के प्रति बहुत ही लगाव था— मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज

संतो के आगमन से हरा भरा रहेगा वागड- आर्यिका विज्ञानमति माताजी

वीरोदय में श्रीआदिनाथ महामंडल विधान का आयोजन

बडोदिया । वीरोदय तीर्थ क्षेत्र पर मुनि आर्यिका महासंघ का महामिलन व आचार्य श्री विद्यासागरजी का 57वां दीक्षा दीवस समारोह भक्ति भाव पूर्वक मनाया । वीरोदय तीर्थ कमेटी अध्यक्ष मोहनलाल पिण्डारमिया व उपाध्यक्ष राजेश गांधी ने बताया कि प्रात: भगवान श्री आदिनाथ की प्रतिमा पर प्रथम कलश का सोभाग्य धनपाल लालावत अजीत लालावत सपरिवार घाटोल, द्वितीय कलश मोहनलाल पिण्डारमिया सपरिवार आदिनाथ कॉलोनी परतापुर, तीसरा कलश हुकमीचंद शाह बांसवाडा व चतुर्थ कलश करने का सोभाग्य केसरीमल शाह परिवार चंदुजी का गढा को धर्मलाभा मिला।भगवान श्री आदिनाथ महामंडल विधान का आयोजन-आर्यिका विज्ञानमति माताजी ससंघ के सानिध्य में श्री आदिनाथ महामंडल विधान का आयोजन किया गया । विधान में मंगल कलश व चार आराधना कलश स्थाकना के साथ ही संगीतमय पुजन की गई । जिसमें महाअर्घ्य चढाने का सोभाग्य बसंतलाल खोडणिया पुत्र जीतमल खोडणिया परिवार व जयन्तिलाल खोडणिया, कांतिलाल खोडणिया, रमेश चंद्र खोडणिया बडोदिया को प्राप्त हुआ । विधान में भगवान श्री आदिनाथ के पांचो कल्याणक के अर्घ्य चढाकर भक्ति भावना व्यनक्त की । मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज के चरणो का पक्षालन व आर्यिका विज्ञानमति माताजी को जीनवाणी भेंट करने का पुण्यार्जन हुमड समाज अध्यक्ष दिनेश खोडणिया व राजेश पंचोरी थांदला परिवार को प्राप्त हुआ । इस दौरान अध्‍यक्ष मोहनलाल पिण्डारमिया व धनपाल लालावत ने दिनेश खोडणिया का सम्मान किया । संचालन प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया ने किया ।

आचार्य श्री की पुजन-बडी संख्या में बैठे पुरे वागड के श्रद्धालुओं ने मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज व आर्यिका विज्ञानमति माताजी के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया के सानिध्य में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की भक्ति पुर्वक पुजन कर सुसज्ज्ति थाल में लिए अर्घ्य चढाए । दो संघो का महामिलन-मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ससंघ का प्रात: सात बजे जैसे ही वीरोदय तीर्थ पर मंगल प्रवेश हुआ तो उनके स्वागत में वीरोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी ने पलक पावडे बिछा दिए । इस दौरान आर्यिका विज्ञानमति माताजी ससंघ ने मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ससंघ की वंदना कर दर्शन किए इस महा मिलन के दौरान भक्तो द्वारा आचार्य श्री के जयकारा गुंजायमान हो रहे थे। आचार्य श्री का वागड के प्रति बडा लगाव था-मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने दो वर्ष पुर्व हमे वागड में जाने के लिए कहा था मतलब वागड का नाम तो उनको हमेशा याद रहता था क्युकि यहां पर धर्म प्रभावना अच्छी है,भक्ति अच्छी है इसिलिए संतो का प्रवास हमेशा रहता है । यह विचार मुनि श्री ने आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के 57वें दीक्षा दीवस पर वागड के श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । मुनि श्री ने कहा कि आज का पावन दीवस हमारे लिए बहुत उपकारी है तथा आचार्य श्री तन से गए परंतु हमारे मन से कभी नही जाएगें।पुरा वागड रहेगा हरा भरा-मुनि अजीत सागरजी महाराज के समक्ष जब घाटोल बागीदौरा तलवाडा बडोदिया,नौगामा, परतापुरअरथुना, आंजना,सेनावासा, चंदुजीका गढा, खांदुकॉलोनी तथा बांसवाडा शहर के अलावा दुर दराज से आए भक्‍तो ने तथा उनकी और से अठारह हजार दशा हुमड दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष दिनेश खोडणिया ने वागड के 72 गांवों में चातुर्मास करने का निवेदन किया तो मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ने बडी ही मुस्कान के साथ कहा कि कही पर भी हो पर चातुर्मास वागड में ही हो रहा है तथा पिछले चार पांच वर्षो से वागड संतो के नाम से सुखा था पर अब मुनि व आर्यिका संघ के चातुर्मास से पुरा वागड क्षेत्र रहेगा हरा भरा। पानी बचाओं देश की रक्षा करो—आर्यिका विज्ञानमति माताजी ने कहा कि जितना हो सके पानी को बचाओं व्यर्थ में पानी नही बहे इस बात का सभी को ध्यान रखना है । उन्होंने कहा कि पानी को बचाकर नैतिकता का पालन करे, देश की रक्षा करे तथा वागड को हरा भरा रखने में सहयोग प्रदान करे । इस अवसर पर वीरोदय तीर्थ अध्‍यक्ष मोहनलाल पिण्‍डारमिया,उपाध्‍यक्ष धनपाल लालावत,राजेश गांधी, विनोद दोसी, सुशील घोडा,लोकेश जैन,धनपाल खोडणिया,महिपाल खोडणिया, प्रद्युमन शाह,हुकमीचंद शाह, जीतमल तलाटी,कांतिलाल खोडणिया, मुकेश खोडणिया, चंद्रकांत खोडणिया,बसंतलाल खोडणिया,महिपाल खोडणिया,सुभाष खोडणिया, रमेश चंद्र खोडणिया, आशिष भैया तलाटी, ललीत पिण्‍डारमिया के अलावा बडी संख्‍या में पांच हजार से अधिक जैन समाज के श्रद्धालु उपस्थित थे । संचालन प्रतिष्‍ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोक नगर ने किया व आभार मोहनलाल पिण्‍डारमिया ने माना। ये जानकारी दीपक जैन ने दी।


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