गौ आधारित जैविक खेती का आसींद-बदनोर क्षेत्र के 16 गांवों के 61 किसानों ने लिया का प्रशिक्षण


श्री रामशान्ताय जैविक कृषि एवं अनुसंधान केंद्र, कोटा के मुख्य वैज्ञानिक पवन टांक के नेतृत्व में उनकी टीम के द्वारा प्रदान किया प्रशिक्षण

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) सरोज देवी फाउंडेशन (एसडीएफ) व अपना संस्थान के द्वारा जिले के आसींद -बदनोर क्षेत्र के 16 गांवों के 61 किसानों ने गोयल ग्रामीण विकास संस्थान के अंतर्गत बने श्री रामशान्ताय जैविक कृषि एवं अनुसंधान केंद्र, कोटा में गौ आधारित जैविक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक महेश नवहाल ने बताया कि आसींद व बदनोर ब्लॉक के आसीन्द, जबरकिया, परासोली, शंभूगढ़, मोटरास, चैनपुरा, बाला का बाडिया, सूराज, हरमादा, बाजुंदा, गोरून्डिया, परा, गोविंदपुरा, करणीपुरा, पाटन व मांडलगढ़ के होड़ा के किसानों का दल समाज सेवी जगदीश कुमावत के नेतृत्व में कैथुन, कोटा स्थित संस्थान पर पहुंचा। सबसे पहले केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक पवन टांक के नेतृत्व में उनकी टीम के द्वारा जैविक कृषि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें खाद बनाने की विधि, फसलों को ताकत देने के लिए सुपर पावर का स्प्रे और ताजा गोबर को जैविक कल्चर के रूप में काम लेते हुए इसको सिंचाई में पानी देने की कई विधियों पर उन्होंने चर्चा की। इस सत्र के पश्चात किसानों को परिसर स्थित फार्म में फील्ड विजिट कराया गया। वहां पर विभिन्न प्रकार की फसलों का रोपण किया गया है। जिनमें फूल, सब्जियां, फल, अनाज, तिलहन, दलहन व चारा की कई किस्में सम्मिलित हैं। हर ब्लॉक का अलग-अलग प्रशिक्षक है। प्रशिक्षण में अपने-अपने फार्म के बारे में जैविक विधियों का प्रयोगों को प्रभावी तरीके से बताया गया। इसके साथ ही फसलों में क्या-क्या समस्याएं आती हैं उनका निराकरण जैविक विधि सै कैसे किया जाए इसके साथ ही किसानों की आय कैसे बढें, इसका प्रतिपादन किया। यहां बनी पोषण वाटिका में 24 प्रकार की फसलें लगी हैं। जिनमें अनाज, सब्जियां, फल, तिलहन दलहन आदि का रोपण इस तरीके से किया गया है कि एक परिवार एक बीघा में यह सब करते हुए अपने परिवार को पाल सके और स्वयं जैविक कृषि का पालन करते हुए रसायन मुक्त खेती कर सके। फॉर्म की फील्ड विजिट के पश्चात सभी प्रशिक्षणार्थी मुख्य वैज्ञानिक के साथ पुनः बैठे और फिर जिज्ञासा समाधान हुआ। अंत में सभी किसानों को संकल्प दिलाया गया कि वह देशी गाय के पालन के माध्यम से जैविक खेती करेंगे। साथ ही अपने परिवार को रसायन मुक्त अनाज व सब्जियां उपजा कर पोषण प्रदान करेंगे।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now