आखिरकार 61 वर्षीय फूली देवी को प्रशासन एवं वागधरा संस्था के प्रयासों से अब मिल पाएगी दिव्यांग पेंशन
बांसवाड़ा, अरुण जोशी ब्यूरो चीफ: जन्म से दिव्यांग फूली देवी को कहीं से भी सहायता की उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही थी। क्योंकि बहुत प्रयास करने के बावजूद भी शरीर से 75% विकलांग फूली देवी अपने आप को दिव्यांग का पेंशन के लिए योग्य साबित नहीं कर पाई।परंतु जब यह मामला वागधरा संस्था की जानकारी में आने पर 61 वर्षों बाद फूली देवी को पेंशन नसीब हो पाई। जानकारी से सभी को अवगत कराने पर खबर का असर यह हुआ कि सभी अधिकारियों एवं प्रशासनिक अमले में यह खबर को जोर पकड़ने लगी। वागधरा संस्था के परमेश पाटीदार ने बताया की इस कार्य के लिए सदस्य कमलेश बुनकर नियुक्त किया गया की जब तक फुली देवी को सहकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल जाता है तब तक सम्पर्क में रहकर कार्य करवाना है। एवं सभी ने प्रयास शुरू कर दिए जिला प्रशासन ने भी प्रयासों के रंग लाई एवं आज फूली देवी को बरसों बाद दिव्यांग था पेंशन का लाभ मिल पाएगा घर में कमाने वाला कोई नहीं है परिवार भी अक्सर पलायन कर जाता है पति है वह भी अक्सर बीमार रहते हैं पुत्र है वह भी बेरोजगार फिर भी फूली देवी ने हिम्मत नहीं आ रही जो कोई भी घर पर आता विभाग अपनी समस्या सुनती एवं रहती अब तो मेरी भी सुनो आप कि मैं हर सरकार को चुने जाती हूं एवं आज मेरी इस बदहाली को कोई भी दूर नहीं कर रहा है यह बात संस्था के जानकारी में आने पर संस्था के कमलेश बुनकर के द्वारा बताया गया कि सतत प्रयास एवं जिला प्रशासन के सहयोग से अब फूली देवी को बरसों बाद पेंशन का लाभ मिल पाएगा। प्रशासन के सहयोग से बैंक में खाता खुलवाया गया जन आधार कार्ड में पंचायत स्तर से लेकर जयपुर स्तर तक सुधार करवाया गया एवं अब फूली देवी पेंशन की पात्र हो गई है इतने वर्षों तक ध्यान में नहीं आने के कारण वह अपने अधिकारों से वंचित रही परंतु अब वह वंचित नहीं रहेगी उसके लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। वरीयता के आधार पर पूरी देवी को आवास योजना एवं अन्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए भी अनुरोध किया गया है फूली देवी को जवाब बताया गया कि अब आपको हर महीने ₹1000 पेंशन मिलेगी तो वह खुशी से नहीं समय एवं सभी को धन्यवाद दिया एवं कहां की आखिर का आप लोगों ने मुझ पर बड़ा उपकार किया है अब मुझे किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। ये जानकारी कमलेश बुनकर ने दी।