सवाई माधोपुर जिले का हुआ तीसरी बार विभाजन; कुछ आशाऐं पूरी तो कुछ रह गई अधुरी

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सवाई माधोपुर जिले का हुआ तीसरी बार विभाजन; कुछ आशाऐं पूरी तो कुछ रह गई अधुरी

सवाई माधोपुर 7 अगस्त। (राजेश शर्मा)। स्वतंत्रता के पश्चात राजस्थान के एकीकरण के फलस्वरूप 15 मई 1949 को मतस्य संघ के राजस्थान में विलय से अलग जिले के रूप में अस्तित्व में आए सवाई माधोपुर जिले का अब तक तीन बार विभाजन हो चुका है।
प्रथम बार 1992 में जिले की महुआ तहसील को दौसा जिले में सम्मिलित किया गया। द्वितीय बार 1997 में जिले की पांच तहसीलों करौली, हिण्डौन, टोडाभीम, सपोटरा व नादौती को पृथक कर करौली जिले का सृजन हुआ। वहीं तीसरी बार 7 अगस्त, 2023 को राज्य सरकार ने सवाई माधोपुर से गंगापुरसिटी को अलग करते हुए इसे नया जिला बनाया है। सवाई माधोपुर से कुछ क्षेत्र अलग करने के साथ ही कुछ हिस्सा करौली जिले से लेकर गंगापुरसिटी नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया है।

पुराना सवाई माधोपुर शहर, फोटो क्रेडिट विकिपीडिया

सवाई माधोपुर जिले से तीन उपखंड और पांच तहसीलें तोड़कर नए जिले गंगापुरसिटी में शामिल की गई है। इसी तरह करौली जिले से दो उपखंड और दो तहसीलों को अलग कर गंगापुरसिटी में शामिल किया गया है। इस तरह नए जिले गंगापुरसिटी में पांच उपखंड और सात तहसीलें शामिल हुई है। जबकि सवाई माधोपुर जिले में अब पांच उपखंड और छह तहसीलें रह गई है, जबकि करौली जिले में चार उपखंड और सात तहसीलें रह गई है।
नए जिले गंगापुरसिटी में पांच उपखंड गंगापुरसिटी, वजीरपुर, बामनवास, टोडाभीम और नादौती शामिल किए गए हैं, जबकि सात तहसील गंगापुरसिटी, तलावड़ा, वजीरपुर, बामनवास, बरनाला, टोडाभीम और नादौती को इसमें लिया गया है।
जबकि सवाई माधोपुर जिले का पुनर्गठन करने के बाद अब सवाई माधोपुर में पांच उपखंड सवाई माधोपुर, खंडार, चैथ का बरवाड़ा, बौंली और मलारना डूंगर तथा छह तहसील सवाई माधोपुर, खंडार, चैथ का बरवाड़ा, बौंली, मित्रपुरा और मलारना डूंगर रह गई है। इसी तरह करौली जिले की बात करें तो करौली में चार उपखंड करौली, सपोटरा मंडरायल और हिंडौन तथा सात तहसीले करौली, मासलपुर, सपोटरा, मंडरायल, हिंडौन, सूरौठ और श्रीमहावीरजी रह गई है।

रणथम्भोर दुर्ग
रणथम्भोर दुर्ग

उल्लेखनीय है कि जहाँ गंगापुर सिटी जिले के गठन से क्षेत्र के लोगों की बरसों की मांग पूरी हुई हैं। वहीं सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित निकटवर्ती जिले बूंदी एवं टोंक जिले के कुछ लोगांे को मायूसी भी हाथ लगी है।
उल्लेखनीय है कि बून्दी जिले की इन्द्रगढ़ तहसील क्षेत्र के इन्द्रगढ़ नगर पालिका से सवाई माधोपुर की ओर के ग्रामीण क्षेत्र सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 30-35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं वहीं इस क्षेत्र की ग्राम पंचायत बाबई से बून्दी जिला मुख्यालय 100 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित है। इसी प्रकार टोंक जिले के अलीगढ़ तहसील क्षेत्र में अलीगढ़ से सवाई माधोपुर की ओर चोरू, पचाला, सोप, आमली सहित ग्रामीण क्षेत्र सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 25-30 किलोमीटर की दूरी भी नहीं रखते हैं वहीं इन क्षेत्रों से टोंक जिला मुख्यालय की दूरी इससे तीन चार गुना अधिक है। इन क्षेत्रों के लोग भौगोलिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से जुड़े हुऐ हैं। विभिन्न प्रशासनिक, बैंकिंग, व्यापारिक, और मुख्य रूप से चिकित्सा के लिए इन लोगों को सवाई माधोपुर ही सुलभ नजर आता है।
ऐसे में राज्य सरकार को बून्दी जिले की इन्द्रगढ़ तहसील क्षेत्र एवं टोंक जिले की अलीगढ़ तहसील क्षेत्र के सवाई माधोपुर के निकटवर्ती क्षेत्रों को सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय में मिलाना चाहिए था। ऐसे करने से इन क्षेत्रों के आमजन को काफी सुविधाओं का लाभ मिल सकता था।


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