अनुरागबाला पाराशर फाउंडेशन की लांचिग, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का होगा प्रयास
स्मृति हाॅल का लोकार्पण कर तीन बालिकाओं का किया सम्मान
परिजन की स्मृतियों को मधुर बनाकर अर्थ का सदुपयोग कर सेवा करना श्रेयकर-एडीजे सुनील ओझा
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी/ ख्यातनाम कवियित्री, लेखिका व साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर की स्मृति गठित अनुराग बाला पाराशर फाउंडेशन की विधिवत लांचिग कर दी है। शाहपुरा जिला मुख्यालय पर लवकुश वाटिका में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील ओझा के मुख्य आतिथ्य एवं नगर पालिका सभापति रघुनंदन सोनी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में फाउंडेशन की लांचिग करने के साथ ही इसके लोगों का लोकार्पण एवं आफिशियल वेबसाइट का भी उद्घाटन किया गया। इस मौके पर तीन बालिकाओं को फाउंडेशन की ओर से अनुराग बाला पाराशर मेमोरियल अवार्ड देकर इसे प्रतिवर्ष देने की घोषणा की गई। समारोह में कक्षा 10 में शाहपुरा ब्लाॅक में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिका त्रिशला काठेड़, ज्योति कुमावत, सोनम बगड़ोतिया को क्रमश 5 हजार व ढाई हजार रू का नकद पारितोषिक, स्मृति चिह एवं ट्राफी प्रदान की गई।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा विभाग के पूर्व उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय, आयुर्वेद विभाग के सेवानिवृत उपनिदेशक डा. कमलाकांत शर्मा, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जयदेव जोशी, शाहपुरा के सीबीईओ द्वारका प्रसाद पारीक, साहित्य सृजन कला संगम के सचिव प्रसिद्व कवि व गीतकार डा. कैलाश मंडेला भी मौजूद रहे।
साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर की स्मृति में स्मृति हाॅल का निर्माण समेलिया रोड़ पर स्थित मोक्षधाम में कराया गया, इसका लोकार्पण वैदिक पद्वति से पूजन करके व मोली बंधन खोल कर एडीजे सुनील ओझा ने किया। इस दौरान मोक्षधाम में विभिन्न प्रजातियों के 11 पौधे रोपित कर उनके संरक्षण का दायित्व भी लिया गया।
लांचिग कार्यक्रम में फाउंडेशन के सह संस्थापक भरत सनाठ्य ने सभी का स्वागत करते हुए अनुरागबाला पाराशर फाउंडेशन के उदेश्यों को रखते हुए कहा कि उनकी मां अनुरागबाला पाराशर के प्रत्येक सपने को क्रियान्वित करने के लिए यह प्रयास किया है। शाहपुरा उनकी कर्मस्थली रहने के कारण शाहपुरा क्षेत्र में फाउंडेशन की ओर से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अवार्ड, बच्चों को शैक्षणिक सामग्री का वितरण, विद्यार्थियों को कुपोषण से बचाने के लिए समय समय पर पोष्टिक आहार का वितरण, साहित्य को बढावा देने के लिए नवाचार के अलावा शाहपुरा के विद्यार्थियों को हर स्तर पर मोटीवेशन करने के साथ साथ उनको अध्ययन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास फाउंडेशन करेगा।
अनुराग बाला पाराशर फाउंडेशन के संस्थापक डा. कमलेश पाराशर ने बताया कि अनुराग बाला पाराशर की स्मृतियों को शाहपुरा में चिरस्थायी बनाने के लिए यह फाउंडेशन कार्य करेगा। इसमें शाहपुरा के विभिन्न लोगों का सहयोग लेकर इसे विस्तारित रूप भी दिया जायेगा।
मुख्य अतिथि एडीजे सुनील ओझा ने कहा कि परिजन की स्मृतियों को इतना मधुर बनाकर अर्थ का सदुपयोग करके समाज की सेवा करना ही आज के दौर में श्रेयकर है। ऐसा करने वाला संवेदनशील होकर समाज की पीड़ा को समझ निस्तारण की दिशा में अग्रसर हो पाता है। पाराशर परिवार को साधुवाद देते हुए एडीजे ओझा ने कहा कि विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में फाउंडेशन उल्लेखनीय कार्य करेगा, ऐसी उनकी शुभकामनाएं है। उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से सकारात्मकता के साथ इस प्रकार के सामाजिक सेवा के प्रकल्पों से जुड़ने का आव्हान किया।
विशिष्ट अतिथियों ने अपने वक्तव्य में अनुराग बाला पाराशर की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि जैसे उनके द्वारा कार्य किया गया अब परिवार द्वारा फाउंडेशन बनाकर कार्य को गति देना उनके ही संस्कार का परिणाम है। उन्होंने फाउंडेशन के माध्यम से शाहपुरा क्षेत्र की सेवा करने के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि इसका लाभ समूचे शाहपुरा को मिलेगा।
गीतकार सत्येंद्र मण्डेला ने फाउंडेशन के लोगो का विस्तार से विवेचन करते हुए उसके उदेश्यों पर प्रकाश डाला। समारोह में शिक्षा विभाग के पूर्व उपनिदेशक विष्णुदत्त शर्मा, एपीपी हितेश शर्मा, मोक्षधाम कमेटी के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, गुलाबचंद चेचाणी, आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डा. जलदीप पथिक, रामचरित मानस मंडल के रघुनाथ प्रसाद वैश्णव, संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक, आर्य समाज के रामस्वरूप काबरा, प्रहलाद सनाठ्य, भाविप की महिला प्रमुख इन्दु धुपिया, पुनित बाला व हेमलता मंडेला, पार्षद आकांक्षा भरत सनाठ्य, सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।