ईआरसीपी को राजनीति की फुटबॉल बना रहे मुख्यमंत्री गहलोत : शेखावत
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री बोले, ईआरसीपी पर चर्चा के लिए दस बार बैठकें बुलाईं, एक में भी नहीं आए गहलोत या मंत्री
देश भर में कांग्रेस की अधूरी सिंचाई परियोजनाएं भी मोदी सरकार पूरा कर रही
गंगापुर सिटी। पंकज शर्मा। 24अगस्त 2023। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने ईआरसीपी परियोजना को शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने इसे राजनीति की फुटबॉल बनाकर रख दिया है। यदि वे वास्तव में इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाना चाहते थे तो इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से छोड़ी गई कमियों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने दस बार बैठकें आयोजित कीं, एक बैठक तो जयपुर में ही बुलाई गई, लेकिन एक भी बैठक में न मुख्यमंत्री आए और न ही इनका कोई मंत्री आया। इससे साबित होता है कि ये ईआरसीपी पर काम नहीं करना चाहते, बल्कि केवल राजनीतिक रंग देना चाहते हैं।
विधानसभा मीडिया प्रमुख धनेश शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री शेखावत गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए दोनों राज्यों राजस्थान और मध्यप्रदेश की सहमति जरूरी थी। इस मामले में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ तक ने भी अपनी सहमति नहीं दी थी। ईआरसीपी की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए शेखावत ने कहा कि वर्ष 2004 से पहले अटल जी की सरकार ने नदियों को जोडऩे की परियोजना बनाई थी। देश के 31 लिंक्स में से एक पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चिह्नित हुआ था, लेकिन राजस्थान की असहमति के कारण से उस लिंक को उसी समय स्थगित कर दिया गया था। वर्ष 2016 में वसुंधरा जी की सरकार ने ईआरसीपी की परिकल्पना की और वर्ष 2017 में वाप्कोस को डिजाइन बनाने के लिए दिया। हालांकि, देश के तय मानक 75 प्रतिशत के बजाय इसे 50 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी पर बनाया, जिसे स्वीकृति नहीं मिली। सीडब्ल्यूसी ने इसे सही करके बनाने के लिए कहा, लेकिन दुर्भाग्य से वसुंधरा जी की सरकार बदल गई।
मंत्री शेखावत ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में ईआरसीपी परियोजना को पुरानी पीकेसी के साथ जोडकऱ एक नई परियोजना बनाई है। इससे राजस्थान को 2500 एमसीएम पानी मिलेगा। 40 हजार करोड़ की इस परियोजना में 36 हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी, लेकिन राजस्थान सरकार इसे राजनीतिक कारणों से स्वीकृति नहीं दे रही, जबकि मध्यप्रदेश ने इसे मंजूरी दे दी है।
गहलोत जी की योजना से मिलेगा मात्र तीन जिलों को पानी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब राजस्थान सरकार नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना लेकर आई है। 15 हजार करोड़ से बनने वाले इस लिंक से केवल 521 एमसीएम पानी जयपुर, अजमेर और टोंक शहर को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि गहलोत साहब की वर्तमान योजना बन जाती है तो जयपुर, टोंक और अजमेर को छोड़कर शेष 10 जिलों को भविष्य में एक बूंद पानी नहीं मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय परियोजना के नाम पर गहलोत सरकार पूर्वी राजस्थान के 13 में से 10 जिलों के प्यासे कंठों पर राजनीति कर रही है। इन 10 जिलों की कुल मिलाकर 7 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई नदी जोड़ो परियोजना से मिलने वाले 2500 एमसीएम पानी से हो सकती है। ये लोग उन प्यासे खेतों और किसानों के भविष्य के साथ राजनीति कर रहे हैं।
मोटरसाइकिल पर बैठने लायक विधायक बचेंगे
शेखावत ने कहा कि वर्ष 2013 में भी अशोक गहलोत साहब ने इसी तरह की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं। खुद को देश और दुनिया का नंबर वन मुख्यमंत्री बता रहे थे। फिर भी राजस्थान की जनता ने उन्हें सिरे से नाकार दिया था। जनता ने इन्हें 21 सीटों पर सिमेट दिया था। इस बार तो कांग्रेस के विधायक विधानसभा में खड़े होकर कहते हैं कि हमारी पार्टी ने जिस तरह के भ्रष्टाचार किया है, हमारी पार्टी के फॉच्र्यूनर और इनोवा में आने लायक विधायक भी नहीं बचेंगे। मुझे लगता है कि अबकी बार यह हम दो, हमारे दो वाली मोटरसाइकिल पर बैठकर जाने लायक बचेंगे।
जल जीवन मिशन में पिछड़ा राजस्थान
शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदीजी ने साढ़े नौ करोड़ माता-बहनों के सिर से मटकी का बोझ उतरा है। उनका आशीर्वाद मोदीजी के साथ में है। राजस्थान की आवश्यकताओं को देखते हुए हमने सबसे ज्यादा बजट राजस्थान को दिया। पिछले चार साल में 29,000 करोड़ रुपए राजस्थान को बजट आवंटित कर चुका हूं। दुर्भाग्य से सबसे ज्यादा बजट लेने के बावजूद अगर मैं क्रियान्वयन की गति के आधार पर कहूं तो जल जीवन मिशन में राजस्थान नीचे से तीसरे पायदान पर है। इस योजना में जिस तरह से भ्रष्टाचार के समाचार आ रहे हैं, वो निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्य को रेप की कैपिटल बना दिया
केन्द्रीय मंत्री ने राजस्थान की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि गहलोत सरकार की नाकामी के चलते भूमाफिया, बजरी माफिया, खनन माफिया सहित तरह तरह के माफिया पनप रहे हैं। महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ रहा है। राज्य को रेप की कैपिटल बनाकर रख दिया। पूरे देश में बाजरे की खरीद हुई, लेकिन राजस्थान में सरकार ने बाजरे की खरीद नहीं की, जबकि पूरे देश का सत्तर प्रतिशत बाजरा राजस्थान में हो रहा है। भाजपा मीडिया प्रमुख शर्मा ने बताया कि उक्त प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष सुशील दीक्षित, टोंक- सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया,करौली धौलपुर सांसद डॉ.मनोज राजोरिया,गंगापुर पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर ,पूर्व सभापति हरिप्रसाद बोहरा,पूर्व वित्त राज्य मंत्री वीरेंद्र सिंह भाया,बामनवास क्षेत्र के केदारलाल मीना,प्रधान मंजू गुर्जर,सभापति शिवरतन अग्रवाल, पूर्व सभापति संगीता बोहरा सहित अनेक भाजपा नेतागण उपस्थित रहे।