चिकित्सा क्षेत्र में बदलाव के लिए बनेगा दस्तावेज
सवाई माधोपुर 4 सितम्बर। राजस्थान विजन डॉक्यूमेंट 2030 को तैयार करने के लिए चिकित्सा विभाग का हितधारक परामर्श कार्यक्रम सोमवार 4 सितम्बर को फूल उत्कृष्टता केंद्र सभागार में आयोजित हुआ। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आमंत्रित हितधारकों ने अपने विचार रखे और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और बदलाव के क्षेत्र में दस्तावेज बनाने के लिए अहम योगदान दिया।
कार्यशाला राज्यस्तर से संयुक्त निदेशक अंधता डॉ सुनील सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश भर में चलाए जा रहे विजन 2030 अभियान के पुनीत उद्देश्यों लक्ष्य व सोच पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने सभी हितधारकों को विकासवादी सोच के साथ अपने सुझाव प्रस्तुत करने का आह्वान किया जिससे समाज के प्रत्येक वर्ग को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके और राजस्थान भारत का नंबर वन राज्य बन सके। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिदृश्य में दिनों दिन हो रही प्रगति की चर्चा करते हुए भविष्य का खाका तैयार करने की बात रखी। विजन 2030 मिशन की प्रक्रिया, होने वाली आगामी गतिविधियों तथा उसे तैयार होने वाले विजन डॉक्युमेंट की तकनीकी जानकारी देते हुए तय प्रक्रिया में बिंदुवार सुझाव आमंत्रित किए।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ धर्मसिह मीना, यूएनएफपीए कंसलटेंट क्षितिज गौरांग, अतिरिक्क्त सीएमएचओ डॉ कैलाश सोनी, डिप्टी सीएमएचओ डॉ अनिल जैमिनी, सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों की उपस्थिति में आमंत्रित सदस्यों ने खुलकर अपने विचार रखे और 2030 तक चिकित्सा क्षेत्र में मूल आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सुधींद्र शर्मा ने सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये अभिनव प्रयासों की प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। इस दौरान मौजूद चिकित्सकों, स्वयं सेवी संस्थान, सेवानिवृत्त अधिकारियों, विद्यार्थियों, विभिन्न क्लब के सदस्य सहित जिलेभर से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
सभी सुझाव निदेशालय और सरकार को भेेजें जाएंगे। जिलेभर से लगभग 150 से अधिक सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञ, निजी चिकित्सक, पेंशनर हितकारी समिति, वरिष्ठ नागरिक, पैरामेडिकल छात्र, कच्ची बस्ती में सेवाएं देने वाले संस्थान प्रतिनिधियों ने भाग लिया।