ब्राह्मण समाज की तहसील स्तरीय बैठक में आम समिति से लिया निर्णय
सूरौठ। ब्राह्मण समाज के तहसील अध्यक्ष का चुनाव करवाने के लिए समाज के लोगों की तहसील स्तरीय बैठक सोमवार को कस्बा सूरौठ में स्थित परशुराम धर्मशाला में आयोजित की गई। इस दौरान सदन की सहमति से गांव पाली निवासी राधेश्याम चतुर्वेदी को ब्राह्मण समाज का सूरौठ तहसील अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। निर्वाचन अधिकारी वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि सदन में मौजूद ब्राह्मण समाज के लोगों की आम समिति से राधेश्याम चतुर्वेदी पाली को ब्राह्मण समाज का तहसील अध्यक्ष चुना गया। बैठक की अध्यक्षता चौबीसा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष प्रकाश नारायण सहारिया ने की। कार्यक्रम की शुरुआत ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने भगवान परशुराम की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर की। बैठक में महू अट्ठाईसा ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष रमेश चतुर्वेदी, चौबीसा ब्राह्मण समाज के महामंत्री हरीश चंद शर्मा, यातेंद्र सहारिया जटवाड़ा, स्वदेश शर्मा, संरक्षक बाबूलाल कटारा, सूरौठ ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष बालकृष्ण शर्मा, पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल पाराशर, चौबीसा ब्राह्मण समाज के प्रवक्ता प्रमोद तिवाड़ी, वेद प्रकाश शर्मा, चौबीसा ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास शर्मा, ओमप्रकाश भुकरावली, भागीरथ शर्मा हुक्मी खेडा, कैलाश उपाध्याय ढिंढोरा, सूरौठ सरपंच प्रतिनिधि राम अवतार शर्मा, रिटायर्ड शारीरिक शिक्षक अशोक शर्मा, राजेंद्र शर्मा, रामदेव तिवाड़ी धुरसी, शिवदयाल शर्मा, भगवान सहाय कटारा, देवकीनंदन शास्त्री जटवाड़ा, गंगासहाय शर्मा धुरसी, यादराम पाठक भट्ट का पुरा, किरोड़ी शर्मा बेरखेड़ा, अवधेश शर्मा, बबलू तिवाड़ी, सिप्पी शर्मा, विप्र फाउंडेशन के तहसील अध्यक्ष राजेंद्र चतुर्वेदी, रमन सौमली, गोपाल कुंभज ढिंढोरा, विजय शर्मा खेड़ी हैवत, राजू पंडित विजयपुरा, सतीश पंडित ढिंढोरा, राजगिरीश सहारिया जटवाड़ा, राम अवतार चतुर्वेदी पाली, गुड्डू चतुर्वेदी सहित काफी संख्या में तहसील क्षेत्र के ब्राह्मण बंधु मौजूद रहे। इस अवसर पर नवनिर्वाचित तहसील अध्यक्ष राधेश्याम चतुर्वेदी का ब्राह्मण समाज के लोगों ने साफे एवं मालाएं पहनाकर अभिनंदन किया। तहसील अध्यक्ष चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है उसका वे पूरी निष्ठा के साथ में निर्वहन करेंगे एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। बैठक में ब्राह्मण समाज के लोगों ने शिक्षा व रचनात्मक कार्यों पर जोर देने तथा कुरीतियों को त्यागने के संबंध में विचार विमर्श किया।