प्रथम दिवस खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया
सवाई माधोपुर 12 सितम्बर। वर्तमान में स्वाद लोलुपता से विभिन्न प्रकार की व्याधियों का प्रचलन बढ़ता जा रहा हैं जिससे व्यक्ति का कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। अध्यात्म का वरण करने वाला श्रावक स्वदलोलुपता को तज कर खाद्य संयम करें तो विभिन्न समस्याओं का स्वतरू समाधान प्राप्त कर सकता है और स्वस्थ रहकर अध्यात्म जगत में परिष्कृत जीवन सकता है। ये विचार युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी ने आदर्शनगर स्थित अणुव्रत भवन में पर्युषण महापर्व के प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस के अवसर पर एक धर्मसभा में व्यक्त किए।
इससे पूर्व पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की शुरुआत साध्वीश्री के मंगल मंत्र उच्चारण से हुई। इस अवसर पर सहवर्तिनी साध्वीश्री दर्शनप्रभाजी, निर्मलप्रभाजी व जिनयशाजी ने खाद्य संयम की प्रेरणा देने वाली सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। पर्युषण का दूसरा दिवस बुधवार को स्वाध्याय दिवस के रूप में मनाया जायेगा।