कब तक उपेक्षा का शिकार होता रहेगा सवाई माधोपुर

Support us By Sharing

वरिष्ठजनों ने की सवाई माधोपुर को संभाग बनाने की मांग
कब तक उपेक्षा का शिकार होता रहेगा सवाई माधोपुर

सवाई माधोपुर 15 सितम्बर। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में तीन संभाग नए बनाए गए हैं। किंतु सवाई माधोपुर जिले को संभाग नहीं बनाया गया। जबकि इसकी मांग काफी समय से चल रही है। सवाई माधोपुर हर स्थिति में संभाग बनने की योग्यता रखता है।
वरिष्ठ नागरिक संस्थान राजस्थान के प्रदेश मंत्री एवं जिला अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार सुरेश सौगानी ने बताया कि वर्तमान में सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, भरतपुर संभाग एवं टोंक अजमेर संभाग के अंतर्गत आते हैं। इन सभी जिलों का संभाग मुख्यालय से 100-150 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर है। जबकि सवाई माधोपुर मुख्यालय 100 किलोमीटर से कम दूरी पर है। एवं यातायात के पर्याप्त साधन 24 घंटे उपलब्ध है। भौतिक दृष्टि से भी सवाई माधोपुर मुख्यालय इन जिलों से जुड़ाव रखता है। यहां पर इन जिलों के निवासियों का आना-जाना बना रहता है। जबकि भरतपुर एवं अजमेर अलग-थलग पड़ जाते हैं और यातायात के साधन भी सीमित है। जब मुख्यमंत्री ने नए जिले एवं संभाग इसी आधार पर बनाए गए हैं। फिर सवाई माधोपुर को संभाग क्यों नहीं बनाया गया ? सवाई माधोपुर से धार्मिक, व्यापार -उद्योग, आर्थिक, सामाजिक दृष्टि से इन जिलों का जुड़ाव बना हुआ है।
उन्होने बताया कि सवाई माधोपुर जिले का निर्माण राजस्थान प्रदेश बनने के साथ ही हुआ है। तभी से जिले से सरकार द्वारा सवाई माधोपुर की लगातार उपेक्षा की जाती रही है। सवाई माधोपुर से लिया ही जा रहा है कुछ दिया नहीं है। यही नहीं इसके जिला रहते हुए भी कई जिला स्तरीय कार्यालय सवाई माधोपुर मुख्यालय पर नहीं रहे। इसके विकास में व्यापार में यातायात नए संस्थान खोले जाने में इत्यादि में इसकी उपेक्षा की जाती रही है। यही नहीं योग्यता के आधार पर यहां पर स्थापित किए गए उद्योग, कार्यालयों को भी सरकार द्वारा अन्यत्र स्थानांतरित कर दिए गए हैं। हाल ही में वन विभाग द्वारा घड़ियाल परियोजना का कार्यालय पलीघाट से धौलपुर स्थानांतरित किया गया है। जबकि पाली घाट से धौलपुर किसी भी स्थिति में उपयुक्त स्थान नहीं है।
सौगानी ने कहा कि सवाई माधोपुर जब से जिला बना है वहीं का वहीं है। सवाई माधोपुर के नागरिक पूरी तरह शांत प्रवृत्ति के है। इसका लाभ उठा करके ही सरकार निरंतर इसकी सब दृष्टि से उपेक्षा करती आ रही है। जबकि सदैव सवाई माधोपुर के मतदाताओं ने कांग्रेस दल का सहयोग किया है। वर्तमान में भी तीन विधायक कांग्रेस एवं एक निर्दलीय(कांग्रेसी) जिसने भी कांग्रेस सरकार का साथ दिया। किंतु जब-जब भी कांग्रेस की सरकार बनी है तब तक सवाई माधोपुर से कुछ लिया ही जाता है इसके विकास के बारे में उपेक्षा की जाती रही है। सवाई माधोपुर की उपेक्षा का एकमात्र कारण यहां के जन प्रतिनिधियों की कमजोरी ही है। यहां के जन्म प्रतिनिधि जिले के विकास पर कम और अपने विकास पर अधिक लगे रहे है।
सवाई माधोपुर को संभाग बनाए जाने की मांग को लेकर सर्व समाज द्वारा द्वारा डॉ०नागेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में क्रमिक धरना शांतिपूर्ण माहौल में विगत कई दिनों से दिया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन अलग-अलग समाज के प्रतिनिधि धरना स्थल पर पहुंचकर सहभागिता देने की होड़ सी लगी हुई है।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *