देश के निर्माण में शिक्षकों की रहती है महत्वपूर्ण भूमिका-डॉ. गर्ग

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स्कूल शिक्षा विभाग का शिक्षक संवाद कार्यक्रम हुआ आयोजित
देश के निर्माण में शिक्षकों की रहती है महत्वपूर्ण भूमिका-डॉ. गर्ग
शिक्षक अपने बच्चों की तरह विद्यालय के विद्यार्थियों का रखें खयाल

भरतपुर 16 सितम्बर। राजस्थान मिषन-2030 के तहत् स्कूल शिक्षा विभाग का शिक्षक संवाद कार्यक्रम शनिवार को तकनीकी शिक्षा एवं आयुर्वेद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के मुख्य अतिथ्य एवं जिला कलक्टर लोकबंधु की अध्यक्षता में ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। जिसमें शिक्षकों ने शिक्षा के उन्नयन, विद्यार्थियों के प्रवेश, ठहराव, बालिका शिक्षा को बढावा देने सहित विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
संवाद कार्यक्रम में डॉ. गर्ग ने कहा कि देश के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और शिक्षक ही आने वाली पीढियों के भविष्य निर्माण में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहले राज्य है जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा के साथ-साथ विकास के सभी क्षेत्रों में जन आकांक्षाओं के अनुरूप नई योजनाऐं व कार्यक्रम शुरु की हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से सरकारी कार्यक्रमों में जो कमी रह जाती है उसे प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यालय में आधारभूत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिये दानदाताओं का सहयोग लें।
डॉ. गर्ग ने विद्यालयों में नामांकन व ठहराव के सम्बन्ध में सुझाव दिया कि संस्था प्रधान गांवों के लोगों से निरन्तर संवाद बनाये रखना होगा। तभी विद्यालय में नामांकन बढेगा और ठहराव की समस्या का भी निराकरण हो जायेगा। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों की तरह स्कूल के विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की सोच रखें तभी शिक्षा के उन्नयन को गति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि समाज शिक्षक व चिकित्सकों को अधिक सम्मान देता है क्योंकि दोनों ही समाज के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ साथ भरतपुर के विकास के बारे में भी सुझाव दें।
डॉ. गर्ग ने कहा कि सहशिक्षा को बढावा देने की आवश्यकता है। सहशिक्षा को बढावा देने से बालिकाओं का मानसिक विकास अधिक हो सकेगा। उन्होंने शिक्षकों से यह भी कहा कि वे विद्यालय में ऐसा कोई कार्य नहीं करें जिसका प्रभाव विद्यार्थियों पर पडे। उन्होंने विद्यार्थियों को इंग्लिष स्पीकिंग के लिये विद्यालय की आईसीटी लैब का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों की दैनिक जीवन क्रिया और बेहतर स्वास्थ्य के लिये संवाद कार्यक्रम आयोजित करते रहें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जिला कलक्टर लोकबंधु ने कहा कि शिक्षक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के अलावा अन्य विकास के क्षेत्रों से सम्बन्धित सुझाव भी दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 2.50 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा के अलावा स्वास्थ्य के जो पैरामीटर तय कर रखे हैं उन्हीं पर चलकर विकास को अपेक्षित गति दे सकते हैं। इस अवसर पर नगर विकास न्यास के सचिव कमलराम मीणा, शिक्षा विभाग के उपनिदेशक प्रेमसिंह कुंतल, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा, शिक्षक संगठनों के अध्यक्ष एवं विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, शिक्षक, शारीरिक शिक्षक आदि उपस्थित थे।


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