पीएम मोदी ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’, ‘यशोभूमि’ कन्वेंशन सेंटर का शुभारंभ किया

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पीएम मोदी ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’, ‘यशोभूमि’ कन्वेंशन सेंटर का शुभारंभ किया
विश्वकर्मा योजना के तहत बिना गारंटी मिलेगा 3 लाख रुपए तक का लोन: पीएम मोदी

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में विश्वकर्मा योजना अहम भूमिका निभाएगी। अब समय आ गया कि विश्वकर्मा साथियों को पहचान मिले।
देश को ‘यशोभूमि’ की सौगात देने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती का खास दिन पारंपरिक करीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। बहुत से विश्वकर्मा भाई-बहनों से बात करने की इसी वजह से ही वह कार्यक्रम के लिए लेट हो गए। हाथ के हुनर, औजारों और हाथ से काम करने वालों के लिए विश्वकर्मा योजना उम्मीद की नई किरण बनकर आ रही है। इस योजना के साथ आज देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर यशोभूमि भी मिला है। जिस तरह का काम यहां हुआ है उसमें विश्वकर्मा भाई-बहनों का तप और तपस्या नजर आती है। यशोभूमि देश के हर श्रमिक को समर्पित है।

विश्वकर्मा साथियों को मिलेगी पहचान

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में विश्वकर्मा योजना अहम भूमिका निभाएगी। जैसे शरीर में रीड़ की हड्डी होती है वैसे ही सामाजिक जीवन में विश्वकर्मा साथियों की अहम भूमिका होती है। इनके बिना रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना भी मुश्किल है। फ्रीज के दौर में भी लोगों को मटके और सुराही का पानी पसंद है। समय की मांग है कि इन साथियों को पहचान और सपोर्ट मिले।

बिना गारंटी मिलगा 3 लाख तक का लोन

विश्वकर्मा योजना के जरिए सभी साथियों को ट्रेनिंग देने पर जोर दिया गया है। ट्रेंनिंग के दौरान हर दिन 500 रुपए भत्ता सरकार की तरफ से हर साथी को दिया जाएगा। आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपए मिलेंगे। समान की ब्रांडिंग में भी सरकार मदद करेगी बदले में सरकार चाहती है कि आप उसी दुकान से सामान खरीदें जो जीएसटी रजिस्टर्ड हैं। ये टूल मेड इन इंडिया ही होने चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार बिना गारंटी मांगे कारोबार शुरू करने के लिए पैसा देगी। बिना गारंटी मांगे 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा और इसका ब्याज भी बहुत कम होगा। नए टूल लेने पर पहली बार एक लाख रुपए तक का लोन मिलेगा। इसे चुकाने के बाद 2 लाख का लोन दिया जाएगा।

लोकल के लिए वोकल फिर ग्लोबल

पीएम ने कहा कि जब टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन मिलते हैं तो क्या कमाल होता है ये पूरी दुनिया ने जी20 क्राफ्ट बजार में देखा है। समिट में हिस्सा लेने के लिए आए विदेशी मेहमानों को गिफ्ट में विश्वकर्मा साथियों का बनाया सामान ही दिया गया था। लोकल के लिए वोकल का समर्पण पूरे देश का दायित्व है। पहले लोकल के लिए वोकल बनना होगा फिर इसे ग्लोबल करना होगा। लोकल खरीदने का मतलब सिर्फ दीवाली के दीये खरीदना ही नहीं हैं बल्कि हर छोटी-बड़ी चीज शामिल है। जिसमें कारगरों के खून पसीने की महक है।

क्या है ‘यशोभूमि’, PM मोदी ने जिसका अपने जन्मदिन पर किया उद्घाटन

‘यशोभूमि’ में विश्वस्तरीय प्रदर्शनी हॉलों जैसी सुविधा मौजूद होगी. 1.07 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में बने इन प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, बिजनेस मेलों और बिजनेस कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन (PM Modi Birthday) के मौके पर देश को एक बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में ‘यशोभूमि’ के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह सबसे बड़ा इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (IICC) है। यशोभूमि प्रोजेक्ट की कुल लागत 25,703 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले फेज की लागत 5400 करोड़ रुपये है।

कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 11,000 लोग आसानी से बैठ सकेंगे

‘यशोभूमि’ कई माईनों में काफी खास है। यह बहुत ही विशाल और भव्य है। इसका कुल परियोजना क्षेत्र 8.9 लाख वर्ग मीटर का है। जिसमें यशोभूमि क्षेत्र 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक में है। इस कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 11,000 लोग आसानी से बैठ सकेंगे। 73 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा में बने कन्वेंशन सेंटर में मेन हॉल, ग्रैंड बॉलरूम समेत 8 मंजिला कॉन्वेंशन सेंटर है। इसमें 15 कन्वेंशन रूम और 13 मीटिंग रूम शामिल हैं। इस कन्वेंशन सेंटर में बड़ी बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनियां आयोजित की जा सकेंगी।
यहां पीतल की जड़ाई के साथ टेराजो फर्श बनाया गया है। यहां पर खुला एरिया भी है, जहां 500 लोग बैठ सकते हैं। ‘यशोभूमि’ का एक्जीविशन हॉल दुनिया के सबसे बड़े एक्जीविशन हॉल में से एक होगा।
यशोभूमि में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, क्योंकि इसे बनाने में भारतीय संस्कृति से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसके छत पर सौर पैनल लगाया गया है। यशोभूमि को बनाने में जल संरक्षण पर खास जोर दिया गया है। ‘यशोभूमि’ में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों जैसी सुविधा मौजूद होगी। 1.07 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में बने इन प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, बिजनेस मेलों और बिजनेस कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा। इसकी छत को तांबे से खास रूप से डिज़ाइन किया गया है। इसमें रोशनी के लिए जगह-जगह रोशनदान बनाए गए हैं। यहां मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, टिकटिंग जैसे बहुत से हेल्पिंग एरिया होंगे।


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