नगर भ्रमण पर निकले शेषनाग अवतार लक्ष्मण जी महाराज
जगह – जगह भक्तों ने उतारी आरती
डीग 26 सितंबर – जल झूलनी एकादशी के अवसर पर शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर से शेषनाग अवतार लक्ष्मण जी महाराज नगर भ्रमण के लिए निकले।
इस दौरान रथ पर विराजमान भगवान लक्ष्मण जी महाराज शहर के मुख्य बाजार,घन्टा घर,,चौधरी का कटरा, गोवर्धन गेट, ,गणेश मंदिर, होते हुए अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचे।जहां भक्तों ने भगवान लक्ष्मण जी के दर्शन किये।
इससे पूर्व रुपेश्वर महादेव मंदिर रूप सरोवर पर पूजा अर्चना की गई।
मंदिर के मंहत पंडित मुरारी लाल पाराशर ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर भगवान लक्ष्मण जी महाराज नगर प्रमाण पर निकले ।
जिस दौरान भक्तों ने जगह-जगह भगवान की आरती उतारी।
पाराशर ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस कहते हैं। श्रीकृष्ण जन्म के अठारहवें दिन माता यशोदा ने उनका जल पूजन किया था। इसी दिन को ‘डोल ग्यारस’ के रूप में मनाया जाता है। जलवा पूजन के बाद ही संस्कारों की शुरुआत होती है। कहीं इसे सूरज पूजा कहते हैं तो कहीं दश्टोन पूजा कहा जाता है। जलवा पूजन को कुआं पूजा भी कहा जाता है। इस ग्यारस को परिवर्तिनी एकादशी, जलझूलनी एकादशी, वामन एकादशी आदि के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि शुक्ल-कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को चंद्रमा की ग्यारह कलाओं का प्रभाव जीवों पर पड़ता है। इसके फलस्वरूप शरीर की स्थिति और मन की चंचलता स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इसी कारण उपवास द्वारा शरीर को संभालना और ईष्टपूजा द्वारा मन को नियंत्रण में रखना एकादशी व्रत विधान है और इसे मुख्य रूप से किया जाता है। इस अवसर पर गणेशा पारारार मुकेश पिन्टल करन सौनी अनिल अग्रवाल जुगल किशोर माधव पाराशर आदि मौजूद रहे