दशलक्षण पर्व के उत्तम आकिंचन्य धर्म दिवस पर अभिषेक व शांतिधारा
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी/ शाहपुरा में सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा भाद्रप्रद शुक्ल त्रयोदशी को दशलक्षण पर्व (पर्यूषण पर्व) के उत्तम आकिंचन्य दिवस के उपलक्ष में आज वेंदो के मन्दिर पर पूजन, अभिषेक एंव शांतिधारा की गई।
समाज के महेन्द्र जैन ने बताया की आज भाद्रप्रद शुक्ल त्रयोदशी पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा दशलक्षण पर्व पर सभी मन्दिरो पर विशेष साजसज्जा की गयी और वेंदो के मन्दिर मे नित्य अभिषेक और शांतिधारा की गयी। अभिषेक एंव शांतिधारा करने का सौभाग्य नेमीचंद, अनिल, सुनिल, संजय,रेणू , प्रिंसी, शिवम कुमार, कटारिया परिवार शाहपुरा को मिला।
दशलक्षण पर्व के आज उत्तम आकिंचन्य दिवस पर पूजा पाठ व दोपहर में पण्डित जिनेन्द्र जैन के सानिध्य मे शास्त्र सभा मे आज के प्रवचन मे उत्तम आकिंचन्य दिवस पर बताया की जो मनुष्य जीवन के सभी प्रकार के 24 ही परिग्रहो का त्याग करता है। उसे मोक्ष सुख की प्राप्ति होती है। परिग्रह वो चक्रव्यूह है। जिसमे से निकलने का साहस बिरले प्राणी ही कर पाते है और जो तृष्णा मे उलझ जाते है। वो कभी सुलझ नही पाते है। समाज के महेन्द्र गदिया, ओमप्रकाश गोधा, बंसती लाल पाटनी, पंकज पाटनी, पियूष गदिया, पारसमल जैन, लाभचंद सौगाणी, प्रभाचंद मोदी, महावीर सौगाणी, नितिन जैन, नवीन गोधा, नाथूलाल जैन शामिल हुऐ।