गांधीजी एवं शास्त्री जयंती पर किया सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन
गंगापुर सिटी। अग्रवाल कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा एवं व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अग्रवाल शिक्षण संस्थान महामंत्री गिर्राज प्रसाद गुप्ता अकाउंटेंट द्वारा गांधी जी एवं शास्त्री जी की प्रतिमा पर तिलक लगाकर तथा माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर समस्त स्टाफ सदस्य तथा छात्राओं द्वारा रामधुनी एवं वैष्णव जन तो तेने कहिए……. दे दी हमें आजादी…… धर्म वह एक ही अच्छा…… भजन गाए गए। संस्थान महामंत्री गिर्राज प्रसाद गुप्ता अकाउंटेंट ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांधीजी एवं शास्त्री जयंती हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत के रूप में कार्य करती है। इस जयंती का मुख्य उद्देश्य सच और अनुशासन के मार्ग पर चलना है तभी हमारी सफलता निश्चित है ।व्याख्याता संतोष मंगल ने जयंती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपने समान जीवन के अलावा एक ऐसी भी दृष्टि रखनी चाहिए जिससे हमें अपने मन में यह आत्म संतुष्टि हो जाए कि मैंने इस सामाजिक जीवन के लिए कुछ हित उपयोगी कार्य किया। हमें कुछ करना है तो अपने मन, चिंतन मनन और प्रेरणा को जागृत करना होगा। व्याख्याता गोपाल लाल बेरवा ने छात्राओं को बताया कि गांधीजी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी। आज का यह दिन उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने के लिए संकल्प लेने का दिन है। व्याख्याता. संजय चौबे एवं अशोक जांगिड़ ने कहा कि अहिंसा के पुजारी आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन हम सभी के लिए एक संदेश है हम अपना जीवन भी बेहतर बना सकें इसके लिए जरूरी है हमें इन महापुरुषों द्वारा बताए गए आदर्शों पर चले एवं जो सपना इन्होंने देश उन्नति के लिए मन में संजोया उसको पूरा करने का प्रयास करें तभी सही मायने में यह जयंती मनाना सार्थक होगी। छात्रा कृष्णा बैरागी एवं दिशा कवंर ने गांधी जी के जीवन से संबंधित प्रेरक प्रसंगों से अवगत कराया और कहा कि गांधीजी का मानना था कि सभ्य समाज के लिए स्वच्छ वातावरण भी अति आवश्यक है। छात्रा मीनाक्षी शर्मा एवं तनीषा ने कहा कि आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू जी ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। कार्यक्रम में समस्त स्टाफ सदस्य एवं छात्राएं उपस्थित थी।