नगर पंचायत शंकरगढ़ में लगा गंदगी का अंबार नहीं सुनते जिम्मेदार
शंकरगढ़। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। कहने को तो शंकरगढ़ नगर पंचायत है लेकिन विकास गांव से भी बदतर है। यहां विकास के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है जहां-तहां सड़क किनारे हर वार्डों में कूड़ा फेंका जा रहा है।नगर पंचायत के लोगों को जो सुविधा दी जानी चाहिए वह अभी भी कोसों दूर है। नगर में फैला कूड़ा लोगों को डेंगू, वायरल फीवर समेत अन्य संक्रामक बीमारियों का शिकार बना रहा है। दुर्गा पूजा के पावन त्यौहार के अवसर पर भी गंदगी और फैले कूड़े से नरक जैसे हालात बन गए हैं आसपास का वातावरण दूषित हो रहा है।बदलते मौसम में संक्रामक रोग अपनी जड़े जमाने में लगा है इन रोगों की रोकथाम के लिए निदान कैसे होगा ऐसे में नगर के लोगों ने सरकार और विभाग को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। इन रास्तों से आने-जाने वाले लोगों को भी काफी परेशानियां होती है हैरानी की बात तो तब होती है जब नगर वासियों के शिकायत पर आश्वासन के लिए कचरा प्रबंधन को लेकर समय-समय पर नगर विकास विभाग की ओर से निर्देश दिए जाते हैं लेकिन शंकरगढ़ में कचरा डंपिंग के लिए कोई निश्चित जगह का चयन आज तक नहीं किया जा सका है। इस कारण सफाई कर्मी नगर में जहां-तहां कचरा जमा कर देते हैं। नगर में सभी प्रमुख स्थान चौराहा और मार्गों पर कूड़ा के ढेर लगे रहते हैं।इन मार्गों पर अधिकांश खाली पड़ी जमीन पर कूड़ा ही कूड़ा पड़ा दिखाई देता है जिसकी दुर्गंध से लोग परेशान हैं।इन स्थानों पर गंदगी से मच्छरों की भरमार हो गई है जिससे लोग संक्रमित रोग के शिकार हो रहे हैं लेकिन नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को नगर की जनता की जान की कोई भी फिक्र नहीं है।नगर में स्थित नालियों को देखकर लगता है कि मानो कई सालों से इसकी सफाई ही नहीं हुई है। नगर वासी यह सवाल करने पर बिवश हो गए हैं कि आखिर नगर विकास के लिए आया हुआ सरकारी धन क्या सिर्फ कागजों पर खर्च हो रहा है जो सिर्फ फाइलों को मेंटेनेंस कर-कर उच्च अधिकारियों को सफाई पेश कर रहे हैं। ऐसे में नगर की जनता का जानना चाहती है कि नगर की गंदगी किसकी जवाब देही है।