मण्डलायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलन कर मिशन शक्ति कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
प्रयागराज। मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त की अध्यक्षता में गुरूवार को गाँधी सभागार में महिला एवं बच्चे को सुरक्षित एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मण्डलायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। आयोजित कार्यशाला में निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर, जिलाधिकारी फतेहपुर, जिलाधिकारी कौशाम्बी,ने ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया। इसके अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर, मुख्य विकास अधिकारी प्रतापगढ़ , मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज, मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस, यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार, मण्डलीय बाल संरक्षण सलाहकार,विभिन्न विभागों के मण्डलीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। उक्त कार्यशाला में उप निदेशक महिला कल्याण, चित्रकूट धाम मण्डल एवं रिसोर्स पर्सन के तौर पर आमंत्रित थे।
प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालायें आगामी 2 माह में आयोजित की जानी है। इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामथ्र्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कार्यशाला में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा किमुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में मिशन शक्ति कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी देश व प्रदेश का विकास तब तक सम्भव नहीं हो सकता है जबतक देश की आधी आबादी (महिलाएं) शिक्षित न हो। महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है, इसके लिए शिक्षा विभाग को महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होगा। उन्होंने कहा कि पहले पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की शिक्षा पर कम ध्यान दिया जाता था, परंतु समय बदलने के साथ ही आज महिलाओं के शिक्षा के प्रति भी लोगो की सोच बदली है। मण्डलायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है महिला सुरक्षा। प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्वास्थ्य, शिक्षा व सुरक्षा के लिए सभी घटकों को मिलकर काम करना होगा। कहा कि कोई भी देश तब तक विकास नहीं कर सकता है जबतक उस देश में महिलाओं की बराबर भागीदारी न हो। मण्डलायुक्त ने जनपद के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को ऐसे पात्र बच्चे जिनके माता-पिता में से एक या दोनों की मौत हो चुकी है, ऐसे अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभान्वित कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि सभी बच्चों का टीकाकरण हो व गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो। उन्होंने कार्यशाला में प्रस्तुत महिलाओं एवं बच्चों की स्थिति से सम्बंधित सूचकांकों के आधार पर कार्य करने हेतु सुधार करने के लिए विभिन्न जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण के विषय पर समस्त सम्बंधित विभाग आपसी समन्वय बेहतर बनाये, जिससे कि प्रभावी परिणाम प्राप्त हो सकें।