रीको औद्योगिक क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का छटवां दिन

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रीको औद्योगिक क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का छटवां दिन

गंगापुर सिटी। 20 अक्टूबर। रीको औद्योगिक क्षेत्र गंगापुर सिटी मैं चल रही प्राण प्रतिष्ठा एवम श्रीमद् भागवत कथा के छठवे दिवस में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आज मूर्तियों पुष्प आदिवास आचार्य जी त्रिलोक जी के सानिध्य में सभी गोयल परिवार सरमथुरा वाले एवम अनेको भक्तों ने पूर्ण आनंद से किया एवम पूज्य श्री पुष्पमुरारी बापू जी ने कहा कि इंद्र की अभिमान को तोड़कर के भगवान ने गिरिराज गोवर्धन को उठाया और ब्रिज वासियों की रक्षा की लेकिन भगवान ने बाद में इंद्र को माफ कर दिया कारण उसका यह भी था इंद्र ने गलती तो की लेकिन उसके कारण ब्रिज वासियों को भगवान के साथ रहने का मौका मिला और जब भगवान भक्त के साथ रहते हैं तो कितना भी कोई पाप क्यों ना किया हो भगवान उसको माफ कर देते हैं बाद में रासलीला की कथा का रसपान कराते हुए बापूजी ने कहा कि भगवान की लीला पर कभी भी हमें संदेह नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान कृष्ण सामर्थ्य बान हैं भगवान 7 कोस के गिरिराज जी को 7 दिन तक अपनी उंगली पर उठा सकते हैं हम भगवान की बराबरी कभी नहीं कर सकते जो सामर्थ गंगा जी में हैं वह गंगा जल में नहीं है गंगाजल में यदि कोई कुत्ता मुंह लगा दे तो हम अपने घरों में उस से भगवान का अभिषेक नहीं करेंगे लेकिन गंगा जी में रोज हजारों कुत्ते बहते चले जाते हैं फिर भी हम गंगा जी को पवित्र मानकर स्नान करते हैं क्योंकि गंगा सामर्थ्य बान है और गंगाजल में उतनी सामर्थ नहीं है बापूजी ने कहा कि हम मनुष्य ईश्वर के अंश जरूर हैं लेकिन ईश्वर नहीं हो सकते इसलिए हम कभी भी ईश्वर की किसी भी लीला पर संदेह ना करें बाद में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की कथा

सुनाते हुए भगवान ने कहा की माता रुक्मणी के अनन्य प्रेम से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने उनका पाणिग्रहण संस्कार किया और धूमधाम से पंडाल में विवाह उत्सव मनाया गया सुंदर भगवान की बारात पांडाल में लाई गई और मंच के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मणी का वरमाला संस्कार कराया गया कल कथा के माध्यम से सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा का रसपान कराते हुए भागवत कथा को विराम कराया जाएगा।


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