नवद्वीप के बृजयात्रियों ने किए तीर्थराज विमलकुण्ड दर्शन
कामां। नवद्वीप से बृज के दर्शन करने आए बृजयात्रियों ने कामां पहुंचकर तीर्थराज विमल कुण्ड के दर्शन कर विभिन्न मन्दिर देवालयों के दर्शन किए। और विधिवत पूजा अर्चना की।
तीर्थराज विमलकुण्ड स्थित विमल बिहारी मंदिर के सेवाअधिकारी संजय लवानिया ने कामवन विराजित भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थलियों का माहात्म्य श्रवण कराते हुए बताया कि काम्यवन ब्रज के बारह वनों में से एक उत्तम वन है। काम्यवन के आस-पास के क्षेत्र में तुलसी जी की प्रचुरता के कारण इसे आदिवृन्दावन भी कहा जाता है। तीर्थराज विमल कुण्ड के दर्शन सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलते हैं। जिन पर राधारानी की कृपा हो वही यहां आ पाता है। भक्ति और मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए इन कुंडों में स्नान,दर्शन व आचमन करना उत्तम फलदायी माना जाता है। इस कुण्ड के किनारे श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त करने के लिए बड़े-बड़े ऋषि-महर्षियों ने वास किया है। महर्षि दुर्वासा और पाण्डवों का निवास यहां प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष ब्रजमण्डल परिक्रमा-मण्डली अथवा परिक्रमा करने वाले यात्री यहां निवास करते हैं तथा यहीं से काम्यवन की परिक्रमा आरम्भ करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार यहां के तीर्थराज विमलकुण्ड को तीर्थ की मान्यता प्राप्त है। जिसमें स्नान करने मात्र से सभी प्रकार की कामना पूरी हो जाती है।इसके दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है।