अधिवक्ता मंच प्रयागराज ने फिलिस्तीन में युद्ध विराम घोषित करने और शांति स्थापित करने की मांग की
प्रयागराज। बुधवार को अधिवक्ता मंच प्रयागराज की ओर से फ़िलिस्तीन में जारी निर्दोष नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की हत्याओं के ख़िलाफ़, शांति की अपील, युद्ध रोकने की अपील और यू0एन0 चार्टर लागू किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सामने स्थित भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा की इजरायल के द्वारा फिलिस्तीन की जनता को चारों तरफ से घेर कर, आवश्यक वस्तुओं, पानी खाना आदि सामग्री की सप्लाई रोक कर और ऊपर से अंधाधुंध बमबारी करके नरसंहार किया जा रहा है, जो सभ्य समाज में अस्वीकार है और हर इंसान को इस नरसंहार के विरोध में खुलकर बोलना चाहिए। वक्ताओं ने इजरायल की जनता को सलूट करते हुए कहा कि इजरायल की जनता फिलिस्तीन पर बलात युद्ध थोपने के खिलाफ अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी प्रकार अमेरिका और यूरोप के तमाम देशों सहित दुनिया के हर कोने से फिलिस्तीन में जारी नरसंहार के खिलाफ जनता की आवाजें उठ रही हैं। हमारा देश गौतम बुद्ध का देश है। हमारे देश ने विश्व बंधुत्व और शांति का पैगाम दुनिया भर में फैलाया है। ऐसे में निर्दोष नागरिकों के नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाना हर इंसान का फ़र्ज़ है। वक्ताओं ने भारत सरकार से मांग की कि भारत सरकार शांति की स्थापना के लिए इस्राइल और अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी देशों पर दबाव बनाए और तुरंत युद्ध विराम घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव को लागू कराने की पहल करें। इस दौरान अधिवक्ताओं ने साम्रज्यवाद मुर्दाबाद, नो वॉर नो वॉर, फिलिस्तीन में आम जनता का नरसंहार बंद करो, विश्व शांति स्थापित करो, यू0एन0चार्टर लागू करो, मानवाधिकारों का उल्लंघन बन्द करो, सहित तमाम मांगों के नारे लगाए गए। अधिवक्ताओं के हाथों में उक्त मांगों के पोस्टर सहित लुधियानवी की कविता जंग टलती रहे तो बेहतर है का पोस्टर भी लगाया गया। सभा को वरिष्ठि अधिवक्ता रामकुमार गौतम, राजीव कुमार, बैरिस्टर सिंह, घनश्याम मौर्य, नीतीश कुमार, रमेश कुमार, मंजेश कुमार और मंच के संयोजक राजवेंद्र सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान शहर के जाने-माने कवि अंशु मालवीय ने विश्वविख्यात फिलिस्तीनी कवि महमूद दरवेश की कविता “फिलिस्तीन का एक आशिक़” और कवि अल कर्मी की कविता “हम वापस आएंगे” जैसी युद्ध विरोधी कविताओं का पाठ किया। वक्ताओं ने हिंसा के खिलाफ, शांति की स्थापना, युद्ध रोके जाने, और फिलिस्तीन की समस्या का बात चीत से शांतिपूर्ण समाधान खोजे जाने की अपील की। वक्ताओं ने मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करते हुए गाज़ा पट्टी पर रहने वाले 25 लाख से अधिक लोगों को घेर कर और खाना पानी की सप्लाई बंद करके लाखो लोगों के जीवन को तबाह करने को हैवानियत बताया। इंसानियत की रक्षा के लिए इस नरसंहार के खिलाफ शांति की आवाज उठाना हर इंसान की जिम्मेदारी है। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद रहे।