सिंचाई विभाग की मस्टरोल में धांधली का खेल
पहाड़ी, उपखंड पहाड़ी क्षेत्र में सिंचाई विभाग की मस्टरोल में धांधली का खेल चल रहा है विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यों के नाम से मस्टरोल जारी कर दी जाती है और आंखे बंद कर पेमेंट पास कर दिया जाता है,अब तक एक या दो बार नही सैकड़ों बार हो चुका है 15 से 20 दिनों के लिए सिंचाई विभाग की साइडो पर मस्टरोल कार्य के लिए जारी की जाती है जहां मौके पर कोई कार्य नहीं मिलता है मौके पर न मजदूर,मेट मिलते है और न ही कार्य देखने को मिलता है सरकार के करोड़ों रुपयों को हजम किया जा रहा है।
हाल ही में धीमरी व खल्लुका माइनर की मस्टरोल जारी की गई मौके पर कोई कार्य नहीं हो रहा है और सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा पेमेंट बनाकर भेज दिया जाता है,पंचायत समिति द्वारा तुरंत पेमेंट पास कर दिया जाता है, धीमरी माइनर पर चैन 500 से 600 पर 50 मजदूरों व खल्लुका माइनर पर चैन संख्या 400 से 500 पर 50 मजदूरों की मस्टरोल हाल में जारी हुई है जहां मौके पर कोई कार्य नहीं है।
किस तरह चल रहा मेवात में ये धांधली का खेल:-एक व्यक्ति जो कि मैट होता है जिसकी सिंचाई विभाग में सेटिंग होती है आसानी से मस्टरोल जारी करा लेता है,इसी मेट द्वारा मजदूरों के जॉब कार्ड का मोबाइल में फोटो होते है और मौके पर जाकर जॉब कार्ड के फोटो वाले मोबाइल से दूसरे मोबाइल के जरिए फोटो खींच ऑनलाइन हाजिरी कर दी जाती है और बिना कार्य हुए यह धांधली का खेल चलता रहता है।
कैसे होता है राशि का बटवारा:- पेमेंट पास होकर एक मजदूर के खाते में करीब 3 हजार रुपए आता है और उनसे पहले ही तय कर लिया जाता है कि आपने बिना कार्य किए 500 रुपए मिल जायेंगे बाकी रकम दलाल वापिस ले लेते है ,जानकारी में ये भी आया है कि एक मजदूर के हिसाब से 400 रुपए पेमेंट पास कराने के दिए जाते है कुल मिलाकर फर्जी तरीकों से मस्टरोल चलाने वाले दलालों को 2 हजार प्रति मजदूर के हिसाब से हजम कर जाते है जिसमे एक मस्टरोल करीब 80 से 100 मजदूरों या उससे अधिक की होती है इस प्रकार मेवात में सिंचाई विभाग की मस्टरोल जारी करा दलाल अपनी जेब भरने में लगे है।
इनका कहना है
चनावों में ड्यूटी है मेरी जानकारी में नहीं है,जानकारी कर जांच करता हूं।
योगेश कुंतल
एईएन सिंचाई विभाग कामां।