मिट्टी एवं पानी जीवन का स्रोत -प्राचार्य
कुशलगढ, बांसवाड़ा,अरूण जोशी ब्यूरो चीफ: स्व.मामा बालेश्वर दयाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशलगढ में “मिट्टी और पानी जीवन के स्रोत” थीम पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व मृदा दिवस मनाया गया। प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने बताया कि विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य मृदा संरक्षण , खाद्य सुरक्षा , जलवायु परिवर्तन के शमन , सतत विकास के लिए मिट्टी के महत्व के प्रति जागरुकता प्रसारित करना है। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के उद्यान में इस अवसर पर पौधारोपण करते हुए मृदा संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही मृदा के विविध स्वरूपों को जानते हुए मृदा के उपजाऊपन को बनाये रखने के लिए प्राकृतिक खाद की तकनीक को सीखा। स्वस्थ मृदा के लिए प्राकृतिक खाद का उपयोग करना चाहिए । स्वस्थ मृदा द्वारा ही मानव जीवन के साथ साथ प्राकृतिक वातावरण स्वस्थ रहेगा। जिस प्रकार जीवों को स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मृदा को भी प्राकृतिक खाद की जरुरत होती है। रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से मृदा की उपजाऊ शक्ति नष्ट होती है। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय में केचुओं द्वारा प्राकृतिक खाद बनाने की प्रक्रिया को स्वयं प्रयोगात्मक रुप से सीखा।महाविद्यालय के उद्यान हेतु केचुओं द्वारा ही प्राकृतिक खाद तैयार की जाती है। एन. एस. एस. स्वयंसेवकों ने मृदा दिवस पर मृदा संरक्षण की शपथ ली। कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी मोहित चुहाडिया,हिमांशु शाण्डिल्य,डाॅ योगेश वर्मा,प्रविन्द्र कुमार उपस्थित रहे। ये जानकारी प्राचार्य महेन्द्रकुमार देपन ने दी।