वागधरा संस्था के सहयोग से राज्य स्तरीय माही महिला किसान मंच का हुआ गठन
बांसवाड़ा, अरूण जोशी ब्यूरो चीफ: माही महिला किसान मंच सामाजिक मंच है जो आदिवासी महिला किसान परिवारों की मदद के लिए बनाया गया है। मंच का मुख्य उद्देश्य है कि किस प्रकार से आदिवासी महिला किसानों को आत्मनिर्भर एवं आजीविका के लिए प्रेरित कर उनके परिवार में बदलाव लाया जा सके।आज वागधरा कैंपस में सैकड़ो की संख्या में महिला किसान ने भाग लिया जहां पर कविता डामोर एवं गंगा देवी बताया की अब हम सभी को आगे होकर हमारी महिला किसानो के लिए काम करना है जिस पर सभी ने एक स्वर में यही बात दोहराई कि अब हमें पीछे नहीं रहना है क्योंकि इस महंगाई के दौर में अब भी अगर हम सच्ची खेती एवं सच्चे स्वराज को नहीं अपनाते हैं तो कहीं ना कहीं यह हमारे लिए बहुत ही घातक साबित होगा। क्योंकि आदिवासी अंचल में आज भी समुदाय जीवन यापन करने के लिए कृषि पशुपालन एवं परंपरागत ज्ञान का ही इस्तेमाल करते हैं दिनेश्वरी एवं सविता ने बताया की आदिवासी किसानों के पांच घटक के जल, जंगल जमीन, बीज एवं जानवर यह उनके लिए बहुत ही आवश्यक है इनका संरक्षण एवं रक्षण इनका मुख्य उद्देश्य होता है । मीरा एवं रजिता ने कहा की वर्तमान में परिवर्तन के इस दौर में इन सभी को संवर्धन रख पाना इन सभी के सामने चुनौती है। क्योंकि समय-समय पर प्राकृतिक आपदाएं अतिवृष्टि, अनावृष्टि, जलवायु परिवर्तन इन महिला किसानों की परीक्षाएं लेता रहती है।साथ ही इन सबके सामने आज भी असमानता भुखमरी अंधविश्वास बेरोज़गारी जैसी चुनौतियां भी हैं जिनका समाधान भी इन महिला किसानों को ही करना है वाग्धारा संस्था के परमेश पाटीदार ने बताया कि राजस्थान के दक्षिणी क्षेत्र से जुड़ा आदिवासी अंचल में संस्था पिछले कहीं वर्षों से आदिवासी के जीवन शैली में बदलाव को लेकर संघर्षशील है जिसको लेकर आज माही महिला किसान मंच का गठन किया गया है जो समय-समय पर आने वाली आपदाओं एवं मुसीबत को सामना करते हुए गांव में निवासरत आदिवासी किसान महिलाओं की समस्याओं का निदान करेंगे एवं उनके साथ में निरन्तर संवाद का कार्यक्रम जारी रखते हुए उन्हें नवाचारों को भी सिखाएंगे। ताकि उनका जीवन में किसी भी प्रकार से कठिनाई का सामना करना ना पड़े।
हम जानते हैं कि गांव में अधिकांश किसान परिवार और अशिक्षित होने के कारण सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है जिनकी वजह से योजना से वंचित रह जाते हैं। अतिवृष्टि एवं अनावृष्टि की पूर्णता जानकारी नहीं होने से मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता। तो आज इस मौके पर स्थानीय संगठन की मंजुला देवी ललिता ने बताया कि हम सभी ने मिलकर आज एक महिला मंच का गठन किया है जिसमें मासिक बैठकों का आयोजन होगा जिसमें मंच से कम से कम साथ 22 महिलाओं का चयन किया गया है एवं उन सब का यह दायित्व होगा कि बैठकों का आयोजन करना संस्था के द्वारा बताई गई रणनीति कार्य योजना समुदाय के स्वराज की अवधारणा को स्थापित करने के लिए किस प्रकार हम अग्रसर हो एवं उनका आदिवासी किसान परिवारों में समावेश हो सके एवं बैठक का मुख्य उद्देश्य एवं यह रहेगा की हमें मंच के द्वारा आगामी तीन माह की कार्य योजना बनाई गई है जिसमें स्थानीय संसाधनों को काम में लेते हुए आजीविका बढ़ाने के लिए पहल करना हंगरी खेती को बढ़ावा देना स्थानीय वनों से मिलने वाले क्या-क्या उत्पादन है उनको संग्रहण करना एवं अपने पोषण के उपयोग में लेना महिलाओं की ग्रामसभा में सर्वाधिक भूमिका को किस प्रकार बढ़ाया जाए यह सभी कार्य माही महिला किसान मंच के द्वारा किया जाएगा कार्यक्रम का संचालन प्रभुलाल गरासिया किया गया एवं कार्यक्रम में माजीद खान, सोहन नाथ, रोहित जैन, सजना, कली बेन, उषा मानसिंग, दिनेश इत्यादि उपस्थित रहे | ये जानकारी कमलेश बुनकर ने दी।