न्यायमूर्ति द्वारा किसानों को जैविक खेती करने एवं श्री अन्न का उपयोग करने के लिये कृषकों को किया गया प्रोत्साहित
प्रयागराज। शनिवार को जिला पंचायत सभागार में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, स्व0 चौधरी चरण सिंह जी के जन्म दिवस एवं उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम अन्तर्गत मिलेट्स रेसिपी एवं उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद शेखर यादव के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, स्व0 चौधरी चरण सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। अपर जिलाधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, सुरेश कुमार यादव अधिशासी अभियन्ता सिंचाई, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सोरांव, प्रयागराज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा किया गया।उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, स्व0 चौधरी चरण सिंह जी के जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए विभागीय योजनाओं सहित कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की गयी तथा मिलेट्स पुनरोद्वार योजनान्तर्गत कृषकों को देय सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गयी।डा0 मदनसेन सिंह वैज्ञानिक, शुआट्स नैनी, प्रयागराज द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में रासायनिक खाद का प्रयोग करने से मिट्टी कमजोर हो गयी है इसलिये खेतों में सनई, ढैंचा एवं गोबर की खाद का प्रयोग करने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा भूमि शोधन एवं बीज शोधन करने से आपकी फसल रोगमुक्त तथा मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा एवं उत्पादन भी अच्छा होगा। कृषकों को अधिक उत्पादन करने के लिये वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की अवश्यकता पर बल दिया गया।किसान सम्मान दिवस के अवसर पर न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अपने सम्बोधन में पूर्व प्रधानमंत्री को किसानों का मसीहा बताते हुए कृषकों को जानकारी दी कि पूर्व प्रधानमंत्री ने निश्चित रूप से किसानों की पीड़ा समझी इसलिये उन्होंने किसानों के उत्थान का बीणा उठाया। न्यायमूर्ति द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लियेे प्रोत्साहित किया गया तथा जैविक खेती करने से होने वाले लाभ की स्थितियों से अवगत कराया गया। पशुपालन पर चर्चा करते हुए गाय पालन के बारे में जानकारी देते हुए गाय के दूध के महत्व के बारे में बताया गया। श्री अन्न के अन्तर्गत आने वाले बाजरा, कोदो, सांवा आदि का उपयोग करने के लिये कृषकों को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों द्वारा कृषकों की जानकारी के लिये 25 स्टाल लगाये गये तथा लगभग 510 कृषकों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।