श्री राम मंदिर तीन मंजिला, प्रत्येक मंज़िल की ऊंचाई 20 फुट, 392 खंभे और 44 दरवाजे

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गंगापुर सिटी में घर-घर बांटे जा रहे है अयोध्या से आए पूजित अक्षत एवं पत्रक, साथ ही बताई जा रही खूबियां

गंगापुर सिटी। 4 दिसम्बर। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होना है। इसे लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि 22 जनवरी को पूरा देश अपने अपने घरों में दीये जलाएं और इस ऐतिहासिक मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर दिवाली मनाएं। पीएम मोदी के आह्वान के बाद भाजपा के नेता और कार्यकर्ता रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर घर घर प्रचार करने में जुट गए हैं। इसे लेकर गंगापुर सिटी में भी भाजपा नेता सुखवीर सिंह जौनपुरिया, सुशील दीक्षित, रवि मंगल, डा. निर्मल शर्मा, दर्शन सिंह गुर्जर और कार्यकर्ता घर घर जाकर प्रचार कर रहे हैं, साथ बताई जा रही खूबियां । घर घर पीले चावल बांटे जाने के साथ निमंत्रण कार्ड भी बांटे जा रहे हैं। इस कार्ड में रामलला के ऐतिहासिक मंदिर की भव्यता के बारे में बताया जा रहा है।

पीले चांवल व निमंत्रण पत्र देते हुए भाजपा नेता सुखवीर सिंह जौनपुरिया, सुशील दीक्षित, रवि मंगल, डा. निर्मल शर्मा, दर्शन सिंह गुर्जर और कार्यकर्ता

जानिए क्या खास है अयोध्या नगरी के इस मंदिर में…

परम्परागत नागर शैली में निर्मित मंदिर

अयोध्या नगरी के इस ऐतिहासिक रामलला मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट है जबकि मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है। तीन मंजिला इस मंदिर में प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर में कुल 44 दरवाजे हैं और 392 खम्भे है। भूतल में गर्भगृह है जहां प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्री रामलला) का विग्रह स्थापित है और पहली मंजिल पर गर्भगृह श्रीराम दरबार बनाया गया है। श्रीराम मंदिर में कुल पांच मंडप बनाए गए हैं जिनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मंडप), प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप शामिल हैं। मंदिर के प्रत्येक खंभे पर और दीवारों पर देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां स्थापित की गई है।

प्रवेश द्वार से लेकर सभी मंदिरों के बारे में यहां पढें

मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से होगा। मंदिर में प्रवेश करने के लिए 16.5 फीट ऊंची 32 सीढ़ियां चढ़नी होगी। इसके बाद श्रद्धालु सिंह द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। दिव्यांगजनों और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये वहां रैम्प लिफ्ट की व्यवस्था है। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा है जिसकी लम्बाई 732 मीटर और चौड़ाई 4.25 मीटर है। परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर बनाए गए हैं जिनमें भगवान सूर्य, भगवान शंकर, गणपति, देवी भगवती के मंदिर शामिल हैं। परकोटे के दक्षिणी हिस्से में हनुमान मंदिर और उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर बनाया गया है।

दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप और पश्चिम दिशा में मंदिर

परकोटा के बाहर दक्षिण दिशा में 7 मंदिर बनाए जाने प्रस्तावित हैं जिनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और देवी अहिल्या के मंदिर बनाए जाएंगे। दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार और राम भक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापित की जा रही हैं। सोमवार 22 जनवरी 2024 पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत 2080 के शुभ दिन के मौके पर प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी।

रामलला 22 जनवरी को मंदिर में होंगे विराजमान, 15 से राम मंदिर उद्घाटन तक का शेड्यूल जानिए

रामलला अपने भव्य मंदिर में पधारने वाले हैं। इसको लेकर अयोध्या में तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के यजमान होंगे। इसके अलावा देश भर के सात हजार श्रद्धालुओं को कार्यक्रम का न्यौता भेजा गया है। इसके अलावा देश भर के रामभक्तों को इस कार्यक्रम का न्यौता ट्रस्ट की ओर से भेजा गया है। हालांकि, मुख्य कार्यक्रम के दौरान 50 हजार लोगों के अयोध्या में रहने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु रामलला अपने धाम में विराजमान होने वाले हैं। करीब पांच शताब्दियों का इंतजार खत्म होने वाला है। वर्ष 1528 में मुगल शासक बाबर के सिपाहसालार मीरबाकी ने मंदिर को नष्ट कराया था। गोस्वामी तुलसीदास ने इस घटना का जिक्र अपनी किताब तुलसी दोहा शतक में इसका उल्लेख करते हैं। वे लिखते हैं कि ‘संबत सर वसु बान नभ, ग्रीष्म ऋतु अनुमानि। तुलसी अवधहिं जड़ जवन, अनरथ किय अनखानि॥’ (तुलसीदास के इस दोहा में ज्योतिषीय काल गणना में अंक जिक्र है। ये अंक दायें से बाईं ओर लिखे जाते थे। सर (शर) = 5, वसु = 8, बान (बाण) = 5, नभ = 1 अर्थात विक्रम संवत 1585 और इसमें से 57 वर्ष घटा देने से वर्ष 1528 आता है। तुलसी लिखते कि विक्रम संवत 1585 (वर्ष 1528) की गर्मी के दिनों में जड़ यवनों ने अवध में वर्णन न किए जाने योग्य अनर्थ किया।) इस घटना के 496 साल बाद एक बार फिर प्रभु श्रीराम को उनके भव्य दरबार में स्थापित किए जाने की तैयारी की गई है। इसके लिए शुभ मुहूर्त तैयार कर लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नए मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त तय किया गया है। 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का यह छोटा सा मुहूर्त निकला है। इसी दौरान राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने इस मुहूर्त की गणना की है। प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा।

प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया को इसी दौरान पूरा करा लिया जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में पांच लोग मौजूद रहेंगे। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास शामिल होंगे।


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