शीतलहर में कागज पर जल रहे अलाव झूठा ढिंढोरा पीट रहे सरकार के नुमाइंदे
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। हाड़ कंपाने वाली शीतलहर ठंड कोहरे के बीच गांव गांव प्रमुख स्थानों चौराहा बाजार, सार्वजनिक स्थल ,अस्पताल, स्कूल, कॉलेज ,सरकारी कार्यालय, थाना ,पुलिस चौकी, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड ,टेंपो स्टैंड पर अलाव जलाने का निर्देश योगी सरकार ने दिया है।लेकिन योगी सरकार के अन्य निर्देशों की तरह अलाव जलाने का निर्देश भी केवल अधिकारियों के कार्यालय की मीटिंग और सरकारी अभिलेखों तक सीमित रह गया है। जहां अलाव जलाए भी गए हैं गीली लकड़ियां रख दी गई है, मिट्टी के तेल की व्यवस्थाएं नहीं है, जिससे लकड़ियाँ कुछ जलने के बाद ठंडी पड़ जाती हैं।अलाव की लकड़ियों में केवल धुआं उठ रहा है। पराली जलाने पर तो सरकार मुकदमा दर्ज कर रही है लेकिन अलाव की गीली लकड़ियाँ जलाने में उठने वाले धुएं के बाद सरकार किस पर मुकदमा दर्ज कराएगी। महत्वपूर्ण स्थानों पर ठंड से बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं है सड़कों पर लोग ठंड से कांप रहे हैं। हाला कि संबंधित जिम्मेदार पर्याप्त अलाव जलाने की बात कर रहे हैं जो बकवास साबित हो रहा है। अलाव जलाए जाने के नाम पर सरकारी कार्यालय में बड़ा भ्रष्टाचार पनप रहा है लेकिन इस भ्रष्टाचार की जांच कौन करेगा। जितनी लकड़ियां बिल वाउचर लगाकर खरीदी जाती है वास्तविकता में उतनी लकड़ियां अलाव में नहीं जलाई जाती है। फर्जी बिल वाउचर के सहारे अलाव की लकड़ी का भुगतान कर जिम्मेदार अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। आम जनमानस गरीब कमजोर मजलूम और सार्वजनिक स्थान पर पहुंचने वाले लोग हाड़ कपाने वाली शीतलहर ठंड कोहरे में काँप रहे हैं।ठंड के प्रकोप के चलते तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है।अलाव जलाए जाने के नाम पर सरकारी कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार के मामले की यदि उच्च स्तरीय जांच कराई गई तो नगर पालिका नगर पंचायत से लेकर विभिन्न कार्यालय के भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा होना तय है। लेकिन आम जनता का कहना है कि भ्रष्टाचार का खुलासा हो या ना हो हाड़ कपाने वाली शीतलहर ठंड कोहरे में सरकार और अधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर पर्याप्त सुखी लकड़ियां उपलब्ध कराकर 24 घंटे अलाव जलाने की व्यवस्था कर दे जिससे गरीब कमजोर मजलूम लोगो को हाड़ कपाने वाली शीतलहर ठंड कोहरे से राहत मिल सके।