मुख्यमंत्री से नही हुई वार्ता, बैरंग लौटा जाट समाज का प्रतिनिधीमण्डल

Support us By Sharing

पहले दौर की वार्ता में दो मांगों पर बनी सहमति, आरक्षण की मांग पर मुख्यमंत्री से नही हुई वार्ता

आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष की चेतावनी, आरक्षण के लिए जाट समाज की होगी आर-पार लडाई

नदबई, 24 जनवरी। केन्द्र में भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को आरक्षण की मांग को लेकर आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वाधान में जाट समाज की ओर से दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर जयचौली के समीप महापड़ाव जारी रहा। जाट समाज की ओर से जारी महापड़ाव को लेकर प्रदेश सरकार की कमेटी व जाट समाज के ग्यारह सदस्यीय सदस्यों की जयपुर में पहले दौर की वार्ता हुई। पहले दौर की वार्ता में दो मांगों पर सहमति बन गई। लेकिन, आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता नही होने के चलते प्रतिनिधीमण्डल को देर रात बैरंग लौटना पडा।


विभागीय सूत्रों की मानें तो भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेमसिंह फौजदार ने प्रदेश सरकार की ओर से गठित कमेटी के सामने केन्द्र में भरतपुर धौलपुर जाट समाज को आरक्षण मिलने, 2013 में ओबीसी वर्ग से करीब 56 विद्यार्थियों का चयन होने के बावजूद नियुक्ति नही मिलने पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलने व 2017 में जाट आन्दोलन दौरान पुलिस में दर्ज मामलों को वापिस करने की मांग के बारे में बताया। बाद में प्रतिनिधीमण्डल व कमेटी में शामिल डीग-कुम्हेर विधायक डॉं शैलेष सिंह व पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल के बीच पहले दौर की वार्ता में 56 अभ्यर्थियों की नियुक्ति व जाट आन्दोलन में दर्ज मामलों को वापिस लेने की मांग पर सहमति बन गई।
आरक्षण की मांग पर प्रदेश सरकार की गठित कमेटी सदस्यों ने पहले महापडाव स्थगित करने व बाद में मुख्यमंत्री से वार्ता होने को कहा। इसी के चलते जाट समाज के प्रतिनिधीमण्डल की मुख्यमंत्री से वार्ता नही हो सकी। बाद में आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष नेमसिंह फौजदार ने आन्दोलन को लेकर आगामी रणनीति बनाने व नोटिफिकेशन जारी नही होने तक आन्दोलन जारी रखने की चेतावनी दी। गौरतलब है कि भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज की ओर से 17 जनवरी से उच्चैन थाना क्षेत्र के गांव जयचौली में आन्दोलन किया जा रहा।


Support us By Sharing