भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले हसदेव जंगल को बचाने हेतु बागीदौरा उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
बागीदौरा।बांसवाड़ा।अरूण जोशी ब्यूरो चीफ। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (बीपीएमएम) के बैनर तले हसदेव जंगल को बचाने हेतु बागीदौरा उपखंड अधिकारी रामचंद्र खटीक को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन। ज्ञापन में बताया कि अनादिकाल से भारत भूमि के आदिवासी समुदाय के घर पुरखाई दर्शन और उपासना भूमि जंगल नहीं काटने एवं जिला अंबिकापूर कोरबा ए सूरजपुर और सरगूजा संभाग में अनुसूचित क्षेत्रों (शेड्यूल एरिया) में जबरन और बिना रूढ़िगत ग्रामसभा की अनुमति के फर्जी ग्राम सभा करके ई-नीलामी ए माइनिंग लीज के नाम पर असंवैधानिक कानून (Mines And Minerals Act 1957, Chattisgarh Mines And Minerals) के नाम पर भूमि अधिग्रहण तथा इसी असंवैधानिक कानून के द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यवाही भूमि अधिग्रहण ए हसदेव जंगल कटाई पर तत्काल रोक की मांग की। भारत के सबसे बड़े वन क्षेत्रों में से एक है। जो एक लाख सत्तर हजार (1 लाख 70 हजार) हेक्टेयर में फैला हुआ है। और यहां कई प्रकार के वृक्ष पौधे जानवर और पक्षी पाए जाते हैं । यहां कई दुर्लभ और लुप्त प्रायः प्रजातियां और वनस्पति भी पाई जाती है। इसी क्षेत्र में हसदेव नदी स्थित है जिस पर मिनी माता बांगो बांध का निर्माण किया गया है। हसदेव अरण्य में कई आदिवासी समुदाय रहते है जो इस क्षेत्र के पारंपरिक निवासी है। सरकार के द्वारा कोयला खनन के लिए हसदेव अरण्य में लगातार पेड़ो की कटाई की जा रही है जो प्रकृति और छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए नुक्सान दायक है। हसदेव अरण्य एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है और इसका सरंक्षण करना बहुत ज़रूरी है। पेड़ पौधे और जंगल नहीं बचेंगे तो मानव जीवन का क्या होगा।जल-जंगल-ज़मीन समस्त मानव सभ्यता को अपना कर अपना सब कुछ देते है हसदेव जंगल और मानव सभ्यता को बचाया जाए। इस दौरान बीसीसी प्रभारी बागीदौरा अशोक अड़, भारत आदिवासी पार्टी बागीदौरा ब्लॉक अध्यक्ष प्रभुलाल गरासिया, मणिलाल निनामा, एडवोकेट विजयपाल हुवोर, किशनलाल मईड़ा, दिनेश मसार, सुभाष मकवाणा, रामलाल रावत, विनोद डामोर, रमेश बामणिया, सोमा रावत, दिलीप सिंघाड़ा, बाबूलाल डिंडोर, गोविंद खांट, सोहन भाभोर, कैलाश वड़खिया, सुभाष, प्रवीण, कमलेश हेलोत, सोहन भाभोर, निलेश एवं आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता राहुल भूरिया मौजूद रहे।