आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के चयन में लापरवाही से आवेदन का आवेदन ही कर दिया निरस्त, जांच में हुआ खुलासा
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी। शाहपुरा पंचायत समिति के बच्छखेड़ा ग्राम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वितीय के चयन के लिए पात्रता होने के बाद भी महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों की लापरवाही से आवेदक कंचन भील का आवेदन ही निरस्त कर दिया। इसकी सूचना भी लंबे समय तक आवेदक को न दिये जाने व आवेदक द्वारा बार बार संपर्क करने पर केवल यह आश्वासन दिया जाना कि बस जल्द परिणाम जारी करने वाले है। आखिरकार आवेदक कंचन ने शाहपुरा कलेक्टर टीकमचंद बोहरा के यहां पेश होकर सुनवाई के लिए आवेदन किया। कलेक्टर के हस्तक्षेप एवं मामले की गहनता से जांच के निर्देश के बाद कंचन भील का आवेदन दोबारा जांच में सही पाया गया जिसके आधार पर उसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वितीय के पद चयनित कर लिया गया है।
बच्छखेड़ा में आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वितीय के लिए काली का झौंपड़ा निवासी रामकन्या बैरवा एवं भीलों का झूपंडा निवासी कंचन भील ने आवेदन किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों व चयन कमेटी ने राजनीतिक प्रभाव के चलते अपने स्तर फौरी जांच कर दोनों आवेदकों के आवेदन यह कह कर खारीज कर दिये कि दो स्थानीय नहीं है। आवेदन खारीज के बाद भी आवेदकों को सूचना ही नहीं दी। आवेदक कंचन भील के बार बार विभाग में संपर्क करने पर उसे आश्वासन दिया जाता रहा कि चयन का परिणाम घोषित करेगें।
कंचन भील को शक होने पर उसने अपने स्तर पर विभाग से पता कर लिया कि आवेदन को खारीज कर दिया है। इस पर उसके खिलाफ अपील करते हुए कंचन भील ने जिला कलेक्टर शाहपुरा टीकमचंद बोहरा के समक्ष पेश होकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी लिखित में बतायी।
कंचन फूट फूट कर रोई तो सच्चाई सामने आयी
कंचन भील ने कलेक्टर को जब पूरा वाकया बताया तो वो फूट फूट कर रोने लगी। कलेक्टर के चुप कराने पर भी वो ज्यादा रोने लगी तथा उसने बताया कि वो बिलकुल गरीब है। किसान परिवार की बेटी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर चयन की पूरी उम्मीद थी। वो स्थानीय बच्छखेड़ा की ही निवासी होने के बाद भी उसके आवेदन को जानबूझ कर निरस्त कर दिया है। कलेक्टर को उसकी बातों में सच्चाई महसूस होने पर उन्होंने तुंरत ही महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक का कार्य देख रहे सीडीपीओ को मामले में दखल कर सच्चाई का पर्दाफाश करने को कहा। कलेक्टर ने इस संबंध में पूरी पत्रावली को तलब करते हुए जांच प्रांरभ करा दी।
जांच के बाद कंचन को हो पाया चयन
जिला कलेक्टर टीकमचंद बोहरा ने बताया कि कंचन भील के दस्तावेजों में भीलों का झूपड़ा निवासी का दस्तावेज संलग्न किया है। भीलों का झूंपड़ा बच्छखेड़ा का ही वार्ड है फिर भी उसे स्थानीय नहीं मानकर आवेदन खारीज कर दिया। अब कार्रवाई के निर्देश व जांच कराने पर कंचन के स्थानीय ही पाये जाने तथा विभागीय मानदंडों के अनुरूप उसका आवेदन सही पाये जाने व उसके स्वयं के पात्र होने के कारण सीडीपीओ ने कंचन भील के चयन के आदेश जारी कर दिये है।
अब जिम्मेदारी भी तय होगी
जिला कलेक्टर टीकमचंद बोहरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनसुनवाई कार्यक्रम प्रांरभ करने पर कंचन भील का प्रकरण सामने आने पर जांच करायी तो खुलासा हो पाया। पात्रता सही होने से कंचन का चयन संभव हो सका है। परंतु चयन प्रक्रिया में किस आधार पर आवेदन खारीज किया गया तथा खारीज करने के बाद भी आवेदक को संतोषप्रद प्रत्युत्तर न देने का मामला गंभीर है। इस समूचे प्रकरण में अब लापरवाही की जिम्मेदारी तय की जाकर उस अधिकारी/ कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी।