विकास से कोसों दूर है शंकरगढ़ ब्लॉक का बड़ी अकौरिया गांव विकास की बाट जोह रहे ग्रामीण

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विकास से कोसों दूर है शंकरगढ़ ब्लॉक का बड़ी अकौरिया गांव विकास की बाट जोह रहे ग्रामीण

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा अकौरिया मजरा बड़ी अकौरिया में आज भी लोग विकास से काफी दूर है। ग्रामीणों ने कहा कि कई बार समस्याओं से संबंधित विभाग को अवगत कराया गया लेकिन ग्रामीणों को समस्याओं से निजात नहीं मिल सकी। शुद्ध पेयजल एवं संपर्क मार्ग आदि बुनियादी सुविधाओं का पूरी तरह अभाव बना हुआ है। गांव के शिवाकांत ने बताया कि गांव का मार्ग कच्चा होने से जल भराव व कीचड़ की समस्या उत्पन्न रहती है। जल निकासी की सुविधा न होने से गांव में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। प्रशासन व जन प्रतिनिधियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण गांव विकास के मामले में पूरी तरह उपेक्षित है। गांव के सत्यदेव सिंह ने बताया कि पूरे गांव में बिजली के पोल न होने से बांस बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।हाई टेंशन तार के खतरे की घंटी हर समय बजती रहती है पता नहीं किस वक्त कौन काल के गाल में समा जाए। बिजली के द्वारा कई बार ऐसी घटनाएं घट चुकी है। इस समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गांव के ही अजय सिंह ने बताया की अभी बीते दिन विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने गांव में चौपाल लगाई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई बावजूद इसके उन योजनाओं का लाभ स्थानीय ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है ऐसे में कैसे विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा। गांव का तेजी से विकास हो इसके लिए केंद्र सरकार ने चौदहवें वित्त आयोग के तहत न सिर्फ ग्राम पंचायत का बजट बढ़ाया बल्कि उन्हें ही सीधे काम करने का अधिकार दिया लेकिन जिम्मेदारों की हीला हवालीऔर कमीशन खोरी के चलते गांवों का पूर्ण रूपेण विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में 40 पर्सेंट कमीशन खोरी में जाता है सौ रुपए में केवल 60 रुपए का काम ग्राम प्रधान करवा पाता है। उसमें भी सत्यापन के नाम पर कमीशन लिया जाता है क्योंकि कमीशन लेने वालों का कहीं कोई हस्ताक्षर नहीं होता है। केवल प्रधान व सचिव का डोंगल लगता है तथा जेई एम बी करते हैं ऐसे में लगता है कि महात्मा गांधी का सपना कैसे साकार होगा और कैसे होगा गांव में विकास का जन्म। ग्रामीणों का मानना है कि क्या ऐसे में सूबे के ईमानदार मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सफल हो पाएगा जो भविष्य के गर्त में छिपा हुआ एक यक्ष प्रश्न है।


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