भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा ब्लॉक शंकरगढ़
प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ की बात कर तो इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला है।हाल ही में डीडीओ भोलानाथ कनौजिया ने ब्लॉक का औचक निरीक्षण कर ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस दौरे के दौरान लोगों को बड़ी उम्मीदें थी कि ब्लॉक में तैनात भ्रष्टाचारी कर्मचारियों,सचिवों व प्रधानों के ऊपर कार्रवाई होगी लेकिन लोगों में निराशा की लकीरें देखने को मिली ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों , प्रधानों,सचिवों एवं बाबुओं के चेहरों पर मुस्कान देखने को मिली।भ्रष्टाचार में लिप्त विभागीय कर्मचारियों पर कार्रवाई न होने से इनके हौसला भ्रष्टाचार के प्रति और भी बुलंद होते नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पूर्व एडीओ पंचायत शंकरगढ़ ने भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों एवं बाबुओं के भ्रष्टाचार को बेनकाब करते हुए खुलासा भी किया था जिसका खामियाजा उन्हें तबादले के रूप में चुकाना पड़ा। कुछ ग्राम विकास अधिकारियों एवं ग्राम प्रधानों को उनकी ईमानदारी रास नहीं आई जिसका नतीजा है कि उनका तबादला हो गया और अब अपने मन की खिचड़ी पकाने में मशगूल हैं।जब कि खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ कर्मचारियों के ढुलमुल रवैया को लेकर समय-समय पर फटकार लगाते रहते हैं बावजूद इसके इनके सिर पर जूं तक नहीं रेंगती।वही सूत्र बताते हैं कि करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाले विभागीय कर्मचारियों को बाकायदा उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार का कारनामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते वर्ष ब्लॉक में कुछ नए सचिवों का आगमन हुआ था इस आगमन से ग्रामीणों को उम्मीदें थी कि पूर्व में गांव सभा में हुए भ्रष्टाचार को अब खत्म कर नए सिरे से गांव का विकास होगा।लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और इस भ्रष्टाचार के दलदल में पहले के सचिवों की तरह नवांगतुक सचिव भी धंसते चले गए और ग्रामीणों का सपना सपना बनके रह गया। ऐसे में कैसे सूबे के ईमानदार मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सफल हो पाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि इन भ्रष्टाचारियों ने भाजपा सरकार को बदनाम करने की मनसा बना ली है।