लालसोट 8 मार्च। उपखंड क्षेत्र लालसोट में महाशिवरात्रि महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।
पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि को बहुत खास माना गया है।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर लोटे से जल चढ़ाया गया। फिर चंदन का तिलक लगाकर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र चढ़ाया गया।
पंडित विष्णु शास्त्री ने बताया कि शिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर पूरी रात तक दीपक जलाने से शिव और पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन पुजा-पाठ करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है साथ ही, अविवाहितों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है। महाशिवरात्रि के त्योहार पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। इस दिन शिवालय जाकर शिवलिंग पर गंगाजल और गाय का दूध अर्पित करने से कल्याण होता है. कई स्थानों पर इस दिन शिव पर ध्यान और शिव मंदिरों में पूरी रात जागरण भी किया जाता हैं। शहर के प्रसिद्ध मंदिर चंदेश्वर मंदिर, घाटेश्वर मंदिर आदि अनेकों मंदिरों पर पूजा अर्चना कर घर परिवार की सुख शांति की कामना की गई।