होली पाप रूपी होलिका में प्रेम रूपी प्रहलाद को बचाए रखने का पर्व है : हरि चैतन्यपुरी
डीग।अमरदीप सैन। होली परमात्मा में आस्था रखते हुए कर्तव्य पथ पर बढ़ने का संदेश देती है। प्रेम,प्यार,भाई चारे का संदेश देती है। सतयुग, द्वापर, त्रेता से चली आ रही होली से जग सरल पावन प्रेम पूर्ण बना रहा है आज भी होली की प्रासंगिकता है होली पाप रूपी होलिका से प्रेम रूपी प्रहलाद को बचाए रखने का पर्व है। प्रेम के दिव्य स्वरूप का नाम होली है।यहां मेला ग्राउंड डीग के कपूर पैलेस मैरिज होम में श्री लोहागढ़ साहित्य एवं समाज सेवा समिति की ओर से होली मिलन समारोह एवं कविगोष्ठी में बोलते हुए श्री श्री 1008 संत शिरोमणि हरि चैतन्यपुरी ने अपने उद्बोधन में ये शब्द कहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य रूपनसिंह खोह थे।अध्यक्षता हुकम सिंह चौटाला ने तथा विशिष्ट अतिथि दौलत राम स्वर्णकार एवं चंद्रभान शर्मा चाउआ सर थे। कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की पूजा अर्चना एवं चंद्रभान शर्मा चंचल अऊ की सरस्वती वंदना के साथ हुई।महामंत्री उमेश पाराशर द्वारा संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया गया। इसके बाद धर्मेश चाहर, महेश माधव, चंद्रभान शर्माचंचल, श्याम सिंह जघीना एवं संस्था के अध्यक्ष चंद्रभान चंद्र ने अपनी रचनाओं से माहौल को हास्यमय बना दिया।
सभी अतिथियों एवं श्रोताओं का पटका पहनाकर पुष्प वर्षा कर एवं चंदन लगाकर होली मिलन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर मित्र भारत समाज संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप कटारा, मदनलाल अकाउंटेंट, मुकेश राजपूत,चंद्रभान माहौर, महेश चंद गुप्ता, कॉलेज दिखाओ सुखराम पटवारी,ताराचंद शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य राम सिंह, फूल चंद अध्यापक, मोहन सिंह प्रधानाध्यापक, एवं भगवान सिंह कोली आदि लोग उपस्थित थे।संस्था के उपाध्यक्ष कैप्टन कल्लू सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।