कामन काव्यगान में झूमे लोग, रंगोंचमी के साथ सम्पन्न

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साहित्य एवं संस्कृति से समृद्ध वागड़ क्षेत्र में भी काव्य रचना के नए आयाम स्थापित किए हैं।

तलवाड़ा|साहित्य व लोक संस्कृति से समृद्ध वागड़ क्षेत्र में भी काव्य रचना ने नए आयाम स्थापित किए हैं युवाध्यक्ष चंद्रशेखर त्रिवेदी ने बताया कि यहां की बहुरंगी संस्कृति को फागोत्सव की परंपराएं समय-समय पर युगों युगों से चली आ रही है । परंपरा की याद को ताजा करती हैं। त्रिवेदी ने कहा कि तलवाड़ा में गैर नृत्य के उपरांत काव्य कमान गायन की परिपाटी सदियों से चली आ रही है। वागडी व ब्रजभाषा का रस भरा मेल है। बड़ा यह चैत्र कृष्ण की प्रतिपदा से रंग पंचमी तक वैष्णव समाज के विभिन्न चौकों पर पांच दिवसीय तक सामूहिक गैर नृत्य का आयोजन किया जाता है। जिसमें व्यास परिवार के द्वारा यह स्वरचित कामन गया जाता है जिसमें सहस्त्र ओदिच्य समाज,सहस्त्र टोलकिया समाज, जैन समाज,सोमपुरा समाज,पांचाल समाज,पटेल समाज, सेवक समाज,सोनी समाज सहित वैष्णव समाज के प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सॉन्ग की धुन पर विभिन्न चौक पर गोधूलि वेला में गैर नृत्य का पारंपरिक आयोजन के बाद यह गया जाता है। पांच दिवसीय इस आयोजन में चौक पर जैसे ही ढोल एवं नांगडो की गूंज को सुनते ही वैष्णव समाज के लोग चौक पर एकत्रित होते हैं और चंग की थाप पर जहां गैर होता है। वहां जाते हैं । वहां समाज के द्वारा स्वागत किया जाता है। इस मौके पर शिक्षाविद विनय कुमार व्यास, जगदीश व्यास, दिनेश व्यास ,हरीश व्यास, भागीरथ व्यास ,नरेश व्यास, महेंद्र व्यास, कांतिलाल व्यास , शैलेंद्र व्यास मनीष व्यास आदि ने कहा कि आम काव्य होली पर विशेष रूप से भाव भूखी मां का प्रदर्शन करते हो गया जाने वाला पद्य में संग्रह है यह रंग पंचमी के अंतिम दिन बहुत ही उत्साह के साथ गया गया और शास्त्रों दीजिए समाज के बड़े चौक पर रंग पंचमी के अंतिम दिन गैर नृत्य का पांच दिवसीय आयोजन समाप्त कर पंचमी के दिन या कार्यक्रम विसर्जन किया जाता है और यहां प्रत्येक समाज के लोग एकत्रित होते हैं और रंग पंचमी के अंतिम दिन सहस्त्र अधिकतम ब्राह्मण समाज के बड़े चौक पर की नृत्य बड़े उत्साह के साथ किया जाता है और अंतिम में बड़ा गाकर सभी समाज के लोगों से विसर्जन कर विदाई दी जाती है और होली की शुभकामनाएं देते हुए विसर्जन किया जाता है। इस अवसर पर लक्ष्मीनारायण शुक्ला,मणिलाल जैन डायालाल,रमेश, कन्हेयालाल,हरिश, नरेंद्र,गेंदालाल, उमाशंकर,जयंतीलालगजानंद सहित वैष्णव समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। स्वागत कोषाध्यक्ष विद्याधर त्रिवेदी, युवाध्यक्ष चन्द्रशेखर ओर सांक्रतिक मंत्री कपिल त्रिवेदी ने किया।


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