लक्ष्मण एवं उर्मिला के साथ बाल स्वरूप में मौजूद हैं भगवान राम

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दक्षिण भारतीय शैली की स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है लक्ष्मण मंदिर

डीग 2 अप्रैल| शहर के बीच में स्थित लक्ष्मण मंदिर दक्षिण भारतीय शैली की स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना लिए देश दुनिया में एकमात्र वह मंदिर है जहां गर्भ ग्रह में भगवान लक्ष्मण और उनकी पत्नी उर्मिला के साथ भगवान श्री राम अपने बाल स्वरूप रामलाल के रूप में विराजमान है ।भरतपुर रियासत काल के दौरान निर्मित यह मंदिर एक छिपा हुआ चमत्कार है ।जो मुख्य धारा के कथन से परे भगवान राम के कलाततीत आकर्षण का प्रदर्शन करता है।
भगवान लक्ष्मण का यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम रामलला के रुप में मौजूद हैं। उनके साथ उनकी पत्नी सीता नहीं बल्लि शेषावतार लक्ष्मण जी महाराज की पत्नी उर्मिला मौजूद हैं।वीरता और भक्ति की अनुपम धाराओं का संगम डीग ब्रजभूमि का अभिन्न अंग है।भरतपुर रियासत के महाराजा सूरजमल के इष्टदेव श्री लक्ष्मण जी के इस मंदिर की सरंचना इतनी वैज्ञानिक हैं कि भगवान सूर्य के उदित होते ही सूर्य की पहली किरण मंदिर के गुम्बद पर स्थित ताम्रकलश में मौजूद भगवान रामलला लक्ष्मण जी एवं उर्मिला के चरणों को स्पर्श करती है।इतिहास में इस मंदिर को ऊषा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।मंदिर का मुख्य द्वारा पर लाल पत्थर से निर्मित बारहद्वारी मंदिर स्थित जगमोहन गर्वग्रह में भगवान राम लला,लक्ष्मण जी ,उर्मिला की मूर्ति के साथ चरणों में भगवान शेषावतार के दर्शन शिल्पकला के अनूठे उदाहरण है।
मंदिर के मंहत पंडित मुरारी लाल पाराशर ने बताया कि श्री मद्भागवत एवं स्कंद पुराण में डीग का नाम दीर्धपुर है।भरतपुर रियासत राजपरिवार के राजा बदन सिंह ने 1724 में डीग के बीचों बीच चौपड़ के बाजार में श्री लक्ष्मण जी के मंदिर का निर्माण कराया था।
पाराशर ने लक्ष्मण जी के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि लक्ष्मण भगवान राम के डंड है।जो लक्ष्य को प्राप्त कर लें वहीं लक्ष्मण है।


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